
संस्थाएं
भिक्षु दर्शन प्रशिक्षण कार्यशाला एवं शपथ ग्रहण समारोह
आचार्य श्री भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में तेरापंथ युवक परिषद, भायंदर द्वारा तेरापंथ भवन, भायंदर (पश्चिम) में मुंबई स्तरीय भिक्षु दर्शन प्रशिक्षण कार्यशाला एवं सामूहिक शपथ ग्रहण समारोह का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम का सान्निध्य युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या 'शासनश्री' साध्वी विद्यावतीजी 'द्वितीय' आदि ठाणा-5 ने प्रदान किया। इस अवसर पर अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा की अध्यक्षता में कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। भायंदर कन्या मंडल ने तिलक द्वारा तथा ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने कारगिल दिवस की वेशभूषा में परेड द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा का मनमोहक स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि अभातेयुप सहमंत्री प्रथम भूपेश कोठारी, कार्यशाला राष्ट्रीय सहप्रभारी राकेश पोखरना, भायंदर परिषद प्रभारी मयंक धाकड, तथा मुख्य वक्ता राजेश छाजेड़ एवं चिराग पामेचा थे। कार्यक्रम में स्थानीय संघीय संस्थाओं के पदाधिकारीगण, अभातेयुप परिवार एवं मुंबई की युवाशक्ति ने गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुई। तेयुप ने विजय गीत प्रस्तुत कर मंगलाचरण किया। इसके पश्चात राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने कार्यशाला के संचालन की विधिवत घोषणा की एवं श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। स्थानीय तेयुप ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का मधुर गीत के माध्यम से आत्मीय सम्मान किया। भायंदर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष दिलीप बापना एवं तेयुप अध्यक्ष भावेश सोलंकी ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि साध्वीश्री की प्रेरणा से हमें यह स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ है। डॉ. साध्वी ऋद्धियशाजी ने दया-दान विषय पर विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। साध्वी प्रेरणाश्रीजी, साध्वी मृदुयशाजी एवं साध्वी श्री ऋद्धियशाजी ने युवकों को जागृत करने हेतु प्रेरक गीत 'ओ महानगर के युवकों कदम बढ़ाओ' का संगान किया।
साध्वी प्रियंवदाजी ने आचार्य भिक्षु के व्यक्तित्व एवं रहस्यपूर्ण सिद्धांतों को उदाहरणों सहित समझाते हुए कहा कि उनके सिद्धांत पूर्णतः सटीक एवं मार्मिक हैं। 'शासनश्री' साध्वी विद्यावतीजी 'द्वितीय' ने प्रेरणा देते हुए कहा— आचार्य भिक्षु एक वज्रपुरुष थे, जिन्हें संघर्ष, विरोध एवं प्रतिकूल वातावरण भी प्रभावित नहीं कर सके। शिथिलाचार के झंझावातों को उन्होंने ऐसे पार किया जैसे एक कुशल नाविक समंदर की सुनामी से सुरक्षित बाहर आ जाता है। उनका लक्ष्य था — 'मर पूरा देस्यां, आतम कारज सारस्यां' और उन्होंने अंतिम सांस तक अपने संकल्प को दृढ़ता से निभाया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने कहा— कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य है आचार्य भिक्षु के सिद्धांतों और परंपराओं से युवाओं को परिचित कराना। मुझे प्रसन्नता है कि पिछले वर्ष और इस वर्ष की मिलाकर लगभग 80 भिक्षु दर्शन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हो चुका है और भायंदर तेरापंथ युवक परिषद ने इस आयोजन द्वारा इस आयाम को नई ऊँचाई दी है।
मुख्य वक्ता चिराग पामेचा ने स्किल डेवलपमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को आचार्य भिक्षु स्वामी से जोड़ते हुए बताया कि ढाई सौ वर्ष पूर्व ही भिक्षु स्वामी ने ऐसा अद्वितीय कार्य कर दिखाया था, जो आज के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महानता के समान है। राजेश छाजेड़ ने अपने संबोधन में कहा कि कर्म किसी के सगे नहीं होते। जब तक हम अपने भीतर भरे हुए कर्मों को खाली नहीं करेंगे, तब तक भिक्षु को समझ पाना संभव नहीं। भगवान ने मोक्ष का केवल एक ही मार्ग बताया है — सम्यक त्रिवेणी : सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन, सम्यक चरित्र। सम्यक्त्व को समझना ही आचार्य भिक्षु को समझना है। मुख्य प्रायोजक बडाला परिवार एवं सह-प्रायोजक आच्छा परिवार का सम्मान दुपट्टा और मोमेंटो से किया गया। सहमंत्री भूपेश कोठारी, कार्यशाला राष्ट्रीय सहप्रभारी राकेश पोखरना एवं भायंदर परिषद प्रभारी मयंक धाकड़ ने भी अपने विचार प्रकट किए। अभातेयुप सदस्य नीरज आच्छा ने जानकारी दी कि भायंदर की भिक्षु भजन मंडली सरगम प्रतियोगिता में क्वार्टर फाइनल जीतकर अब बेंगलुरु में सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुकी है। उपासक कवि परेश भंडारी ने कविता के माध्यम से आचार्य भिक्षु स्वामी के प्रति गहन भाव प्रकट किए।
इस अवसर पर अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने मुंबई स्तरीय सभी परिषद अध्यक्षों को शपथ दिलाई तथा तत्पश्चात उपस्थित सभी तेयुप सदस्यों को सामूहिक रूप से शपथ ग्रहण करवाई।उन्होंने मंगलकामना व्यक्त करते हुए कहा कि अभातेयुप अपनी 365 शाखाओं के माध्यम से पूरे देश में सेवा, संस्कार और संगठन के कार्य कर रही है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि सेवा ही हमारी पहचान है और सभी परिषदों से निवेदन किया कि चाहे क्षेत्र में चातुर्मास हो या न हो, कम से कम सप्ताह में एक दिन निकटतम चरित्रात्माओं के दर्शन एवं सेवा कार्य का संकल्प अवश्य लें।
उन्होंने आगामी 17 सितंबर को होने वाले MBDD – मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव की जानकारी दी, जो न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा आयाम होगा। इस अवसर पर MBDD का बैनर भी अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ABTYP टीम की उपस्थिति में अनावरण किया गया। अंत में मंत्री मनोज कच्छारा ने सभी पधारे हुए महानुभावों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन नीरज आच्छा और कुलदीप लोढा ने किया।