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प्रथम लक्ष्य हो गुरू चरणों में सर्वात्मना समर्पण
तेरापंथ भवन सिटीलाईट में तेरापंथ सभा के तत्वावधान में आयोजित दीक्षार्थी मुमुक्षु मनोज संकलेचा, मुमुक्षु कल्प मेहता, मुमुक्षु विशाल परिख और मुमुक्षु राजुल खटेड़ के मंगल भावना समारोह में उद्बोधन प्रदान करते हुए प्रो. साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि जिस उत्साह, उमंग और वैराग्य भाव के साथ संयम पथ पर प्रस्थान हो रहा है, उसका सदा संवर्धन होता रहे। हमें वीतराग प्रभु महावीर का शासन, भिक्षु संघ और वर्तमान में आचार्य श्री महाश्रमणजी का सक्षम नेतृत्व सौभाग्य से प्राप्त हुआ है। गुरु चरणों में सर्वात्मना समर्पण ही हमारे जीवन का प्रथम लक्ष्य होना चाहिए। गुरु हमारे परम रक्षक हैं।
प्रो. साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि सभी दीक्षार्थी मुमुक्षु वैराग्य दीप को सदा प्रज्वलित रखें। आत्मदर्शन की दिशा में अपनी शक्ति का यथासंभव नियोजन करते रहें, संयम समरांगण में विजय का वरण करते रहें तथा जागृत रहकर सफलता के सोपान पर आरोहण करते रहें। पारिवारिक जन, जिन्होंने इनको संयम मार्ग पर प्रवृत्त होने में सहयोग दिया है, सभी साधुवाद के पात्र हैं। तेरापंथ सभा ने मंगल संगान किया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष हजारीमल भोगर, तेयुप अध्यक्ष नमन मड़तवाल, महिला मंडल अध्यक्षा प्रतीक्षा बोथरा, सकलेचा परिवार की ओर से सुरेंद्र सकलेचा, परिख परिवार से समकित परिख, खटेड़ परिवार से अनिल खटेड़ एवं मेहता परिवार से मुमुक्षु कल्प की मां रेशमा बहन, दीया, भाई हर्ष और कवन ने शुभकामनाएं दीं।
तेयुप सदस्यों ने अभिनंदन गीत प्रस्तुत किया तथा महिला मंडल ने भावपूर्ण प्रस्तुति दी। जे.टी.एन परिवार से पवन फुलफगर, मेनेजिंग ट्रस्टी बाबूलाल भोगर ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया। मुमुक्षुओं का परिचय ज्ञानशाला संयोजक राहुल खेखावत, टीपीएफ अध्यक्ष सुमन सुरवानी, अणुव्रत समिति अध्यक्ष रतनलाल भलावत एवं ज्ञानशाला मुख्य प्रशिक्षिका मनीष सेठिया ने दिया। साध्वी वृंद ने 'शुभास्तु ते पन्थान' गीत का संगान किया। साध्वी डॉ. शौर्यप्रभा जी ने अध्यात्म विकास की कामना की। मुमुक्षु मनोज, मुमुक्षु कल्प, मुमुक्षु विशाल और राजुल खटेड़ ने अपने आत्मोदगार व्यक्त किए और सम्पूर्ण परिषद से क्षमा याचना की। किशोर मंडल एवं कन्यामंडल ने दीक्षार्थियों को मंगल तिलक कर आध्यात्मिक आरती का भव्य दृश्य प्रस्तुत किया।