दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का आयोजन

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कोलकाता।

दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का आयोजन

मुनि जिनेशकुमार जी के सान्निध्य में दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का आयोजन जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कलकत्ता-पूर्वांचल) ट्रस्ट द्वारा भिक्षु विहार में किया गया। इस अवसर पर भुवनेश्वर से आए दीक्षार्थी मोहक बेताला व पूर्वांचल कोलकाता क्षेत्र के दीक्षार्थी अर्हम सिंघी मंच पर उपस्थित रहे। विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि जिनेशकुमार जी ने कहा – दीक्षा अध्यात्म का सुनहरा अध्याय है। दीक्षा आत्मशुद्धि का त्योहार है। यह मानव जीवन की सार्थकता का बेहतरीन उपहार है। दीक्षा जीवन की ज्योति व मुकुट है। दीक्षा आत्म जागरण का अनमोल अवसर है। दीक्षा अमावस्या की स्याह रातों में व्यक्ति को पथ दिखलाने वाली आलोक शक्ति है। चौराहे पर खड़े व्यक्ति को मंजिल तक पहुँचाने वाला मार्ग है मुनि दीक्षा। दीक्षा बाह्य भाव से आत्मभाव में स्थित होने का विशिष्ट पथ है।
उन्होंने आगे कहा – तेरापंथ में दीक्षा का अर्थ है अहंकार और ममकार का विसर्जन, गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण। भुवनेश्वर का मुमुक्षु मोहक बेताला दीक्षा लेने जा रहा है, बहुत-बहुत मंगलकामना।कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि कुणालकुमार जी के मंगलाचरण से हुआ। दीक्षार्थी मोहक बेताला ने वैराग्य प्राप्ति के इतिहास को बतलाते हुए दीक्षार्थी मंगल भावना के अवसर पर कोई-न-कोई त्याग ग्रहण करने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर दीक्षार्थी अर्हम सिंघी ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कलकत्ता-पूर्वांचल) ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय कुमार सिंघी, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष राजीव बोथरा, महिला मंडल की अध्यक्षा बबीता तातेड़, प्रखर वक्ता प्रकाश चंडालिया, महासभा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश गोयल, सत्य साधक विजयसिंह सेठिया, विमल भंडारी, भुवनेश्वर से समागत प्रकाशचंद बेताला, झलक बेताला ने भी मंगल भावना के भाव व्यक्त किए। छोटी खाटू परिषद की तरफ से महावीर बजाज, जैन कार्यवाहिनी के संयोजक पंकज दुधोड़िया ने दीक्षार्थी के प्रति मंगल भाव व्यक्त किए। आभार ज्ञापन मंत्री पंकज डोसी व कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद व सहसंचालन आलोक बरमेचा ने किया। सभा द्वारा दीक्षार्थी का सम्मान किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।