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संकल्प शक्ति और निरंतरता से संभव है हर समस्या का समाधान
आचार्य भिक्षु समाधि स्थल संस्थान, सिरियारी के प्रेक्षाध्यान भवन में आयोजित प्रेक्षाध्यान मासिक शिविर के समापन कार्यक्रम में शिविर साधकों को संबोधित करते हुए मुनि धर्मेशकुमार जी ने कहा— 'अप्रभावित होकर खेलने वाला ही विजय प्राप्त करता है। उसी प्रकार ध्यान-साधना में आने वाले विघ्नों से अप्रभावित रहकर ही साधक अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकता है। संकल्प शक्ति और निरंतरता से हर समस्या का समाधान संभव है। जीवन के संघर्ष में अपनी कमजोरियों पर विजय पाकर अच्छाइयों की ओर बढ़ने वाला ही सच्चा विजयी कहलाता है।'
शिविर का शुभारंभ साधकों द्वारा प्रेक्षागीत के संगान से हुआ। संस्थान के व्यवस्थापक महावीर सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा— 'दीपक, चंद्र, तारे और सूर्य का प्रकाश भी अधूरा है, किंतु हमारी आत्मा का प्रकाश पूर्ण है। ध्यान का लक्ष्य है उसी आत्मिक प्रकाश को पाना। जब आत्मा का प्रकाश प्रकट हो जाता है, तभी पूर्णता का साक्षात्कार होता है।' इस अवसर पर अनेक साधकों ने अपने अनुभव व विचार व्यक्त किए।