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ज्ञानशाला दिवस व पुरस्कार वितरण समारोह
बच्चों में संस्कार निर्माण के लिए संचालित नागपुर ज्ञानशाला का ज्ञानशाला दिवस एवं पुरस्कार वितरण समारोह तेरापंथ भवन में मनाया गया। प्रशिक्षिकाओं ने मधुर स्वर में भिक्षु अष्टकम से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका प्रमिला मालू ने बताया कि ज्ञानशाला गुरुदेव श्री तुलसी द्वारा संजोई गई प्रयोगशाला है। अभिभावक जहां अपने बच्चों को हर प्रकार की शिक्षा देना चाहते हैं, वहीं उन्हें चाहिए कि अपने बच्चों को ज्ञानशाला अवश्य भेजें, ताकि बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ अच्छे संस्कारों का अर्जन हो सके। ज्ञान ग्रहण करना और ज्ञान प्रदान करना दोनों ही महत्वपूर्ण उपक्रम हैं। बच्चों के भीतर ज्ञान के अर्जन का प्रमुख माध्यम ज्ञानशाला है। प्रशिक्षिका अरुणा नखत ने बताया कि ज्ञानशाला से बच्चों का मानसिक और सामाजिक विकास होता है। यहां बच्चों को सेवा, संस्कार और शिक्षा का ज्ञान दिया जाता है। बच्चों को जीवन विज्ञान, अनुशासित जीवन, नशामुक्त जीवन, सत्य बोलने की प्रेरणा, चोरी से बचना और व्यसन मुक्त जीवन जीने का मार्ग सिखाया जाता है।
ज्ञानार्थियों द्वारा जैन बालक की पहचान, नमस्कार मुद्रा, दैनिक जीवन शैली और महाप्रज्ञ अष्टकम पर सुंदर प्रस्तुतियां दी गईं। सुषमा डागा ने रोचक खेलों के माध्यम से बच्चों से शुभ संकल्प करवाए। विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया गया। 'सपनों को सच करती संस्कारशाला' विषय पर प्रशिक्षिकाओं ने सुंदर नाटिका प्रस्तुत की। Student of the Year Award श्रेयांशी जैन को प्रदान किया गया। ज्ञानशाला प्रभारी महेंद्र बोरड़, तेरापंथ सभा अध्यक्ष विजय रांका, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष नितेश छाजेड़, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम मंत्री विवेक पारख और झिनकार देवी डागा ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। श्रावक-श्राविका समाज की अच्छी उपस्थिति रही। ज्ञानार्थियों की भी उल्लेखनीय उपस्थिति रही। ज्ञानार्थियों एवं प्रशिक्षिकाओं को पुरस्कृत किया गया। सभी प्रशिक्षिकाओं का सराहनीय सहयोग रहा। संचालन प्रीति धारीवाल ने किया तथा प्रेमलता सेठिया ने आभार व्यक्त किया।