बच्चों को प्यार और उपहार के साथ दें संस्कार

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राजलदेसर।

बच्चों को प्यार और उपहार के साथ दें संस्कार

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में तेरापंथ भवन में 'शासनश्री' साध्वी मानकुमारी जी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्रोच्चार से हुआ। तत्पश्चात ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं एवं ज्ञानार्थियों ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर 'शासनश्री' साध्वी मानकुमारी जी ने अभिभावकों को जागृत करते हुए कहा कि माता-पिता बच्चों को प्यार दें, उपहार दें, परंतु प्यार और उपहार के साथ संस्कार अवश्य दें। बच्चों को नियमित रूप से ज्ञानशाला में भेजें ताकि उनमें धार्मिक संस्कारों का बीजारोपण हो सके। ज्ञानशाला आचार्यश्री तुलसी की अपूर्व देन है। उन्होंने बीज रूप में ज्ञानशाला का वपन किया था, जो आज वटवृक्ष के रूप में फलित हो रही है। ज्ञानशाला बच्चों में सद्संस्कारों का निर्माण करती है तथा उनके शारीरिक, मानसिक और भावात्मक विकास का सशक्त उपक्रम है। राजलदेसर की ज्ञानशाला के बच्चे भी अपना अधिक से अधिक विकास करें। प्रशिक्षिकाओं और तेरापंथ सभा के सहयोग से ज्ञानशाला निरंतर आगे बढ़ती रहे।
इस अवसर पर ज्ञानशाला के बच्चों ने 'ज्ञानशाला क्यों भेजें?' विषय पर नाटिका और कठपुतली का मंचन किया। प्रशिक्षिकाओं ने संवाद के माध्यम से 'परिवार में संस्कारों का महत्व' प्रस्तुत किया। ज्ञानशाला प्रभारी हेमलता घोषल ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। साध्वी चैत्यप्रभा जी ने 'ज्ञानशाला क्या?' विषय पर अपने विचार व्यक्त किए तथा प्रेरक घटनाओं के माध्यम से बच्चों को मार्गदर्शन दिया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष राजकुमार विनायक, महिला मंडल अध्यक्ष कुसुम छल्लानी तथा महिला मंडल की अन्य सदस्यों ने वक्तव्य और गीतिका के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए।
पुष्पा देवी संपतमल चिंडालिया, मन्नालाल बैद एवं माणकी देवी बैद द्वारा सभी बच्चों को उपहार वितरित किए गए। आभार ज्ञापन प्रशिक्षिका मोनिका बैद ने किया तथा कार्यक्रम का कुशल संयोजन प्रशिक्षिका निर्मला जैन ने संभाला। कार्यक्रम में ज्ञानार्थी बच्चों के माता-पिता, अभिभावक एवं बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे। 'रोज ज्ञानशाला जाएंगे नई रोशनी लाएंगे', 'हाय-हेलो छोड़िए, जय जिनेंद्र बोलिए', 'घर-घर जागे सद्संस्कार – ज्ञानशाला का यह उपहार', 'संस्कारों की प्रयोगशाला – हमारी प्यारी ज्ञानशाला', 'अभिभावकों से यह मनुहार – ज्ञानशाला भेजो हर रविवार' जैसे उद्घोषों के साथ बच्चों ने तेरापंथ भवन से एक नयनाभिराम रैली निकाली, जो कस्बे के मुख्य मार्गों से होती हुई पुनः तेरापंथ भवन पहुँची। रैली में सभा, महिला मंडल, युवक परिषद्, कन्या मंडल एवं किशोर मंडल की सक्रिय भागीदारी रही।