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ज्ञानशाला दिवस का आयोजन
स्थानीय तेरापंथ भवन में ज्ञानशाला दिवस का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञानार्थी ओजस बुच्चा व आर्यन बाफना ने नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से की। इसके बाद ज्ञानशाला के बच्चों ने भिक्षु अष्टकम के माध्यम से मंगलाचरण किया तथा "अर्हम अर्हम की वंदना" गीत की प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला प्रभारी कनकप्रभा बुच्चा ने सभी आगंतुकों का स्वागत-अभिनंदन करते हुए कहा कि ज्ञानशाला गुरुदेव श्री तुलसी का अनुपम उपहार है, जो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का सुनिश्चित द्वार है। इसके पश्चात बच्चों ने तीर्थंकर वंदना की आकर्षक प्रस्तुति दी। "एबीसीडी – चढ़ो सफलता की सीढ़ी" पर आधारित प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया।
सभा अध्यक्ष देवीचंद मंडोत ने स्वागत-अभिनंदन करते हुए कहा कि बच्चों को अवश्य ही ज्ञानशाला भेजना चाहिए, क्योंकि यह उनके विकास का एक महत्त्वपूर्ण उपक्रम है। आचार्य भिक्षु त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में बच्चों ने "आओ-आओ भिक्षु स्वामी की" गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। "परिग्रह क्या है और क्यों ज्यादा परिग्रह नहीं करना चाहिए" विषय पर बच्चों ने अत्यंत सारगर्भित नाटिका प्रस्तुत की। ज्ञानार्थी गौतम बोथरा ने केशियो पर भिक्षु स्वामी अंतर्यामी गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी।
इसके बाद ट्रस्ट अध्यक्ष बच्छराज गिडिया ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और सभी को ज्ञानशाला से जुड़ने की प्रेरणा दी। नवनिर्वाचित अध्यक्ष चैनरूप सेठिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने भी एक्ट के माध्यम से आकर्षक प्रस्तुति दी। सभा द्वारा सभी ज्ञानार्थियों को पुरस्कृत किया गया और प्रशिक्षिकाओं का भी सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन मुख्य प्रशिक्षिका दीपिका बोथरा ने किया। कार्यक्रम के प्रथम चरण का संचालन ज्ञानार्थी ओजस बुच्चा और आर्यन बाफना ने किया, जबकि द्वितीय चरण का संयोजन प्रशिक्षिका भावना मंडोत और प्रशिक्षिका विजयलक्ष्मी बाफना ने संयुक्त रूप से किया।