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संस्कारों की वृद्धि का श्रेष्ठ माध्यम है ज्ञानशाला
स्थानीय तेरापंथ भवन में साध्वी पावनप्रभाजी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस बड़े उत्साह से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण "चैत्य पुरुष जग जाये" की भावपूर्ण प्रस्तुति द्वारा सभा सदस्य संतोष बांठिया और जसवंतराज बांठिया ने की। साध्वी पावनप्रभाजी ने ज्ञानशाला के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञानशाला बच्चों में ज्ञान और संस्कारों की वृद्धि का श्रेष्ठ माध्यम है। साध्वी रम्यप्रभाजी ने ज्ञानवर्द्धक खेलों का आयोजन किया और आचार्यों के नाम पर प्रतियोगिता करवाई, जिसमें धानी हिंगड और गौरव बांठिया विजेता बने।
ज्ञानशाला के बच्चों ने कव्वाली के माध्यम से धार्मिक उपकरणों को एक-दूसरे को समझाया और छोटे-छोटे बच्चों ने ज्ञानशाला गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। आचार्य भिक्षु त्रिशताब्दी जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में बच्चों ने उनके जीवन के दृष्टांतों पर आधारित आकर्षक एवं मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम के प्रायोजक प्रवीण कुमार सेठिया एवं कांताबाई सेठिया रहे, जिन्होंने सभी ज्ञानार्थियों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का सुंदर संचालन एवं आभार ज्ञापन प्रशिक्षक कमलेश हिंगड ने किया।