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आह्वान कार्यशाला का आयोजन
मुनि हिमांशु कुमार जी के सान्निध्य में “आह्वान कार्यशाला” का सफल आयोजन तेरापंथ भवन में किया गया। कार्यशाला की शुरुआत मुनि हिमांशु कुमार जी द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ की गई। मुनि हेमंत कुमार जी द्वारा प्रस्तुति दी गई। ‘सुपर सेल्फी एक्टिविटी’ विशेष आकर्षण का केंद्र रही। इस रोचक और विचारोत्तेजक गतिविधि के माध्यम से उन्होंने “जीवन में सफलता” और “सफल जीवन” के बीच के अंतर को सरल शब्दों में स्पष्ट किया।
जीवन में सफलता का अर्थ जहाँ बाहरी उपलब्धियों–जैसे पद, प्रतिष्ठा, धन-संपत्ति–से है, वहीं सफल जीवन का अर्थ है–आंतरिक संतुष्टि, संबंधों में मधुरता, स्वास्थ्य, आध्यात्मिक शांति और जीवन का संपूर्ण आनंद। मुनिश्री ने समझाया कि हर व्यक्ति अपने आप में विशिष्ट है, किंतु सामाजिक अपेक्षाओं के कारण वह स्वयं को छिपा लेता है। उन्होंने तेरापंथ के प्रमुख आयामों–जीवन विज्ञान, प्रेक्षाध्यान, ज्ञानशाला, उपासक श्रेणी, जैन विश्व भारती आदि से जुड़ने का आह्वान करते हुए समाज और आत्मविकास दोनों में सक्रिय योगदान देने की प्रेरणा दी। कार्यशाला में सभा, युवक परिषद, महिला मंडल सहित जैन एवं जैनोत्तर समाज के कई गणमान्य जन एवं साधकगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की जानकारी महिला मंडल अध्यक्षा दीपिका फुलफगर ने दी।