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जीवन विज्ञान से व्यक्तित्व विकास
हैदराबाद। महबूब कॉलेज में अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान व जीवन विज्ञान के प्रसार हेतु 'जीने की कला तथा विद्यार्थी जीवन उत्थान' विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अणुव्रत गीत से हुआ। निर्मला बैद ने कहा कि शिक्षा से बौद्धिक विकास तो हुआ है और अनेक डॉक्टर, इंजीनियर, वकील जैसे प्रबुद्ध व्यक्तित्व तैयार हो रहे हैं, लेकिन भावनात्मक विकास के अभाव में हिंसा, भ्रष्टाचार, आतंकवाद और आत्महत्या जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। विद्यार्थी जीवन में विनम्रता, अनुशासन, सहनशीलता, ईमानदारी और अहिंसा जैसे गुणों का विकास आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आज अहंकार, क्रोध, ईर्ष्या और झगड़े आम हो गए हैं। इनसे बचने के लिए विभिन्न प्रयोग करवाए गए। मुद्रा विज्ञान के लाभ समझाए गए। उदाहरण द्वारा बताया गया कि जैसे जड़ों को सींचने से बगीचा हरा-भरा रहता है, वैसे ही जीवन में मूल्यों का पोषण करने से व्यक्तित्व पुष्पित-पल्लवित होता है। नशे के दुष्परिणाम स्पष्ट किए गए। धार्मिक सद्भावना, ईमानदारी, मित्रता, पर्यावरण संरक्षण तथा टाइम मैनेजमेंट के महत्व पर प्रकाश डाला गया।