दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का भव्य आयोजन

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पूर्वांचल, कोलकाता।

दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का भव्य आयोजन

मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में दीक्षार्थी अर्हम् सिंघी का दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का भव्य आयोजन जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कोलकाता - पूर्वांचल) ट्रस्ट द्वारा भिक्षु विहार में किया गया। इस अवसर पर बृहत्तर कोलकाता के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा - धर्म का मूर्त रूप है दीक्षा। चेतना के रूपान्तरण की प्रक्रिया का नाम है - दीक्षा। दीक्षा एक प्रकार का शपथ व संस्कार है, अहंकार व ममकार के विसर्जन का नाम है। दीक्षा वही ग्रहण कर सकता है जिसे वैराग्य हुआ हो। वैराग्य तीन प्रकार से हो सकता है - दुःख मूलक वैराग्य, मोह मूलक वैराग्य, ज्ञान मूलक वैराग्य। ज्ञान मूलक वैराग्य सर्वश्रेष्ठ होता है। उन्होंने आगे कहा - माँ कहती है बेटा रो मत, गुरु कहते है चेतन सो मत और जिनवाणी कहती है अनमोल समय खो मत। दीक्षार्थी के लिए चार बातें जरुरी है - पापों के प्रति विरक्ति बढ़े, विनय सम्पन्नता बढ़े, साधना की रूचि बढ़े, प्रभु आज्ञा के प्रति समर्पण भाव बढ़े। पूर्वांचल कोलकाता का दीक्षार्थी अर्हम् सिंघी अहमदाबाद में आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन चरणों में मुनि दीक्षा ग्रहण करने जा रहा है। उसके आध्यात्मिक विकास के प्रति मंगल भावना व्यक्त की। मुनिश्री ने पर्युषण यात्रा पर जा रही उपासक श्रेणी के प्रति भी मंगल भावना व्यक्त की। इस अवसर पर मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। दीक्षार्थी अर्हम् सिंघी ने वैराग्य प्राप्ति के कारणों का जिक्र करते हुए दीक्षा के उपलक्ष में कोई न कोई त्याग, संकल्प ग्रहण करने का आह्वान करते हुए सबसे खमतखामणा किया।
इस अवसर पर तेरापंथ कन्या मंडल के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। स्वागत भाषण जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कोलकत्ता - पूर्वांचल) ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय सिंघी ने दिया। अभिनंदन पत्र का वाचन मुख्य न्यासी बाबूलाल जैन ने किया। विकास परिषद् के सदस्य बनेचंद मालू, महासभा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश गोयल, कोलकत्ता सभा के अध्यक्ष अजय भंसाली, अणुव्रत समिति कोलकाता के अध्यक्ष नवीन दुगड़, वरिष्ठ उपासक महावीर प्रताप दुगड़, तेरापंथ युवक परिषद् पूर्वांचल के अध्यक्ष राजीव बोथरा, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा बबिता तातेड़, दीक्षार्थी के पिता अजय सिंघी, दीक्षार्थी के नानी सरला छाजेड़ ने मंगल भावना में अपना भाव व्यक्त किये। इस अवसर पर तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ किशोर मंडल, तेरापंथ महिला मंडल व सिंघी परिवार की बहनों ने समूह गीतों का संगान कर दीक्षार्थी के प्रति मंगल भावना व्यक्त की। आभार ज्ञापन सभा के मंत्री पंकज डोसी ने व संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। दीक्षार्थी अर्हम् सिंघी का सभा द्वारा सम्मान किया गया। समारोह से पूर्व दीक्षार्थी अर्हम् सिंघी की तुलसी वाटिका लेक टाउन से भिक्षु विहार तक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया।