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सजगता के साथ ली गयी नींद को बनायें अपनी ताकत
साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में अभातेममं द्वारा निर्देशित प्रेक्षा-प्रवाह – शक्ति एवं शांति की ओर, प्रेक्षाध्यान कार्यशाला स्थानीय महिला मंडल द्वारा आयोजित की गई। इस अवसर पर कार्यशाला की शुरुआत युवती बहनों ने महाप्रज्ञ अष्टकम के द्वारा की। महिला मंडल अध्यक्षा मंजू सामोता ने स्वागत करते हुए कार्यशाला में सम्मिलित महिला मंडल की बहनों एवं बाहर से पधारे अतिथिगणों का स्वागत किया। इसके पश्चात कुसुम कर्णावट, शीतल सामोता, चंद्रकला ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वी गीतार्थप्रभा जी ने 'Secrets Behind Your Sleep' का वैज्ञानिक दृष्टि से विश्लेषण किया। साध्वी प्राज्ञप्रभा जी ने खान-पान का नींद पर होने वाले प्रभाव को बताया।
साध्वी नमनप्रभा जी ने जप का प्रयोग कराया। इस अवसर पर साध्वी रचनाश्री जी ने कहा – नींद तब तक आती है जब तक दर्शनावरणीय कर्म विद्यमान है। घाति कर्म की समाप्ति के साथ ही नींद आना बंद हो जाती है। वह अप्रमत्त अवस्था होती है। किंतु प्रमत्त अवस्था में जब तक औदारीक शरीर है, तब तक नींद की आवश्यकता रहती है। जब तक भारूड पक्षी की तरह अप्रमत होकर नींद लेता है, तो वह ताकत बन जाती है। आचार्य श्री तुलसी दिन-रात में 18 घंटे काम करते थे। बाकी 6 घंटे की नींद इतनी सजगता के साथ लेते थे कि वह उनकी ताकत बन जाती। नींद लेने का तरीका सही होना जरूरी है। अंत में आभार ज्ञापन लता धाकड़ ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री सुधा तलेसरा ने किया।