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कन्या कार्यशाला ‘आरोहण' का आयोजन
ओसवाल भवन (विवेक विहार - पूर्वी दिल्ली) के प्रांगण में कन्याओं के सर्वांगीण विकास हेतु आयोजित आरोहण कार्यशाला में पूर्वी दिल्ली क्षेत्र की 55 कन्याएं सहभागी बनीं, जिनकी आयु लगभग 14 वर्ष से 30 वर्ष के बीच थी। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ सुबह 9 बजे बहुश्रुत परिषद् सदस्य मुनि उदित कुमार जी द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। मुनिश्री ने कार्यशाला के विषय को अपने प्रवचन में समाहित करते हुए कन्याओं को उद्बोधन देते हुए कहा कि वे अपनी जीवन शैली को सही दिशा देकर, अंतर्मन में बदलाव लाते हुए अपने लक्ष्य तक आरोहण कर सकती हैं। मुनिश्री ने दो 'S' का सूत्र देते हुए समझाया कि जीवन में दो बातें अत्यंत आवश्यक हैं - संस्कार और सम्यक् ज्ञान। इसके साथ ही कृतज्ञ भाव का होना भी उतना ही जरूरी है, तभी जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है। कृतज्ञता का भाव सर्वप्रथम अपने प्रति, तत्पश्चात परिवार के प्रति और अंततः अपने तेरापंथ धर्मसंघ के प्रति होना चाहिए।
मुनिश्री ने संपूर्ण विषय को कहानी के माध्यम से अत्यंत रोचकता के साथ कन्याओं को समझाया और प्रेरणा दी कि जीवन के प्रत्येक पहलू पर आगे बढ़ना है। चाहे कैसी भी स्थिति आ जाए, अपने संस्कार कभी विकृत नहीं होने चाहिए। आपका कार्य और आचरण ऐसा हो कि विकृत संस्कार वाले भी आपके संपर्क में आकर संस्कारी बन जाएं। कार्यक्रम से पूर्व कन्या मंडल की कन्याओं ने भिक्षु स्वामी की आराधना में गीतिका का संगान कर मंगलाचरण प्रस्तुत किया। तत्पश्चात पूर्वी दिल्ली महिला मंडल अध्यक्ष मंगला कुंडलिया ने मुनिश्री के समक्ष अन्य पदाधिकारियों के साथ कार्यशाला के बैनर का अनावरण किया और अपने स्वागत वक्तव्य में आरोहण शब्द की व्याख्या करते हुए इस कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित जनों का स्वागत किया। कार्यशाला के द्वितीय सत्र में मुनि उदित कुमार जी ने स्मरण शक्ति, ज्ञान वृद्धि और सर्वांगीण विकास हेतु ध्यान एवं मंत्रों का प्रभावशाली प्रयोग करवाया। इसके पश्चात करियर काउंसलिंग का सत्र सीए प्रियंका जैन और सीए आदित्य जैन ने अपने विशिष्ट अंदाज में लिया। उन्होंने कन्याओं को उनके करियर संबंधी प्रश्नों के उत्तर भी प्रदान किए।
अगला सत्र मैनेजमेंट गेम्स का था, जिसे अरुण सेठिया ने बड़ी कुशलता से संचालित किया और बच्चों को खेल-खेल में प्रबंधन के गुर सिखाए। इसके पश्चात मुनिश्री के सान्निध्य में आयोजित ओपन डिस्कशन सत्र में कन्याओं ने अपने विचार और जिज्ञासाएं खुलकर प्रस्तुत कीं। मुनिश्री ने उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और मार्गदर्शन प्रदान किया। अंतिम सत्र पुरस्कार वितरण का था। इसमें खेलों और प्रतियोगिताओं के विजेताओं के साथ-साथ कार्यक्रम के प्रशिक्षकों को भी ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में दिल्ली सभा के उपाध्यक्ष बाबूलाल दूगड़, उपाध्यक्ष रणजीत भंसाली, शाहदरा सभा अध्यक्ष राजेंद्र सिंघी, तेयुप दिल्ली अध्यक्ष पवन श्यामसुखा तथा मंडल की परामर्शक लता डोसी की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री दीपिका नाहटा ने किया। कार्यशाला के आयोजन में कन्या मंडल प्रभारी शिल्पा बाफना और सह प्रभारी सीमा नाहटा का विशेष श्रम नियोजित हुआ।