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प्रेक्षा प्रवाह कार्यशाला का आयोजन
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल जसोल द्वारा साध्वी रतिप्रभा जी के सान्निध्य में प्रेक्षा प्रवाह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की शुरुआत नमस्कार महामंत्र से हुई। बहनों द्वारा प्रेक्षा ध्यान गीत से मंगलाचरण किया गया। अध्यक्ष ममता मेहता ने सभी का स्वागत किया और बहनों को भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी पर तेरापंथ प्रबोध सीखने की प्रेरणा दी। साध्वी कलाप्रभाजी ने ताड़ासन, मत्स्यासन, भुजंगासन जैसे आसनों का अभ्यास करवाया और उनके लाभ भी बताए। साध्वी रतिप्रभाजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रत्येक जीव को नींद की आवश्यकता होती है। स्वस्थ व्यक्ति को 24 घंटों में से 6 से 7 घंटे की नींद पर्याप्त है, जबकि बच्चों और बुजुर्गों के लिए 10 से 12 घंटे की नींद आवश्यक मानी गई है। नींद शारीरिक और मानसिक स्वस्थता प्रदान करती है। नींद के दौरान दिमाग में विचारों का संप्रेषण नहीं होता, जिससे मानसिक आराम मिलता है।
अच्छी नींद के लिए समय पर सोना और समय पर जागना आवश्यक है। देर रात तक जागने से सुबह देर तक उठने की आदत बन जाती है, जिससे आलस्य और प्रमाद के कारण सभी कार्यों में देरी होती है। भोजन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि रात में रात्रि-भोजन का त्याग करना चाहिए। साध्वीश्री ने बताया कि सादा भोजन और अच्छी नींद से व्यक्ति अनिद्रा, डिप्रेशन और अजीर्ण जैसे अनेक रोगों से बच सकता है। कई लोग नींद न आने पर गोलियों का सहारा लेते हैं, फिर भी उन्हें नींद नहीं आती। इसके लिए पुस्तक पढ़ना, जाप करना, सोते समय शुभ चिंतन करना जैसी गुड हैबिट्स अपनाने से नींद अपनी पक्की सहेली बन जाती है। साध्वीश्री ने विशुद्धि केंद्र पर जप का अभ्यास भी करवाया। सफल संचालन पुष्पादेवी बुरड़ ने किया तथा आभार ज्ञापन उपाध्यक्ष संगीता बुरड़ ने किया। कार्यशाला में बहनों की उपस्थिति उत्साहपूर्ण रही।