पर्युषण महापर्व के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

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पर्युषण महापर्व के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

तेरापंथ भवन में विराजित साध्वी सम्यकप्रभा जी के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व पर आठों दिन अखंड नवकार महामंत्र का जप अनुष्ठान में श्रावक समाज ने हर्ष उल्लास से सहभागी बने। साध्वीश्री जी द्वारा पर्युषण महापर्व पर भगवान महावीर के आध्यात्म यात्रा पर विशेष प्रेरणा पाथेय प्रदान किया। साध्वीश्री जी ने खाद्य संयम दिवस, स्वाध्याय दिवस, जप दिवस, सामयिक दिवस, वाणी संयम दिवस, अणुव्रत दिवस, ध्यान दिवस, भगवती संवत्सरी आठों दिन ज्ञान की गंगा बहाते हुए संबंधित विषयों पर अपना उद्बोधन प्रदान किया।‌‌ भगवती संवत्सरी पर्व पर तेरापंथ सभा, महिला मंडल, कन्या मंडल, कल्प हिरण ने सामूहिक गीतिका प्रस्तुत की। साध्वीश्री की प्रेरणा से पर्युषण पर्व पर जप, स्वाध्याय, तप, सामायिक, तेले की तपस्या, पौषध आदि का सुंदर क्रम चला। श्रावक समाज द्वारा क्षमा के इस महापर्व पर ज्ञानेश्वर मेहता ने सर्वप्रथम गुरुदेव से, भवन में विराजित साध्वीश्री व श्रावक-श्राविकाओ ने एक दूसरे से हाथ जोड़कर बारंबार खमत-खामणा किया। इस अवसर पर सभी संस्था के पदाधिकारी यशवंत कुमार चोरड़िया, मनसुख लाल बम्ब, पवन कच्छारा, मंजू देवी हिरण, सज्जन देवी मेहता, रेणु छाजेड़ ने संपूर्ण श्रावक समाज से क्षमा याचना की। सामूहिक पारणे के प्रायोजक भेरूलाल, दिलीप कुमार, नरेश कुमार हिरण का तेरापंथ समाज द्वारा प्रशस्ति-पत्र द्वारा सम्मान किया गया। साध्वीश्री की प्रेरणा से अष्ट पहरी, छः पहरी, चार पहरी 151 पौषध हुए। आस-पास के चोखले मोखुंदा, जिलौला, दिवेर, अगरिया से भी श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही। ज्ञानशाला के छोटे-छोटे बच्चों ने द्रव्य सीमा, पौषध व मोबाइल का त्याग करने पर शांतिलाल गजरा देवी बाफना द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया। आभार व कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री मनोहर लाल पीतलिया ने किया।