पर्युषण महापर्व के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

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रायसिंहनगर

पर्युषण महापर्व के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

पर्युषण पर्व का सर्वोच्च दिन संवत्सरी महापर्व उल्लास पूर्वक तेरापंथ भवन में मनाया गया। उपासिका विनोद सुराणा ने संवत्सरी को मानव जीवन को निखारने व संवारने तथा असंयम से संयम की ओर जाने का दिन बताते हुए कहा कि आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत संवत्सरी पर्व त्याग, तपस्या, सत्य, अहिंसा, क्षमा, समता व मैत्री की प्रतिष्ठा का दिन है। क्रोध, मान, माया, लोभ, राग-द्वेष, ईर्ष्या आदि कषायों से जकड़ी हुई हमारी आत्मा पर छाए इन आवरणों को हटाने के लिए आत्म दर्शन बहुत जरूरी है। ‌
भगवान महावीर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के अहिंसा, अनेकांत, सत्य ,मैत्री के सिद्धांत व उनकी शिक्षाएं तथा उपदेश हजारों वर्ष बीतने के बाद आज भी प्रासंगिक हैं। उपासिका बहन ने 12 व्रतों की व्याख्या करते हुए संकल्प ग्रहण करवाए। उपासिका मोनिका नौलखा ने कहा कि करुणा, प्रमोद, मैत्री व आत्म-शोधन का पर्व संवत्सरी हमारे वर्ष भर में किए गए कार्यों की समीक्षा का दिन है। इस छोटी सी जिंदगी में हमें मनमुटाव, बोलचाल, वैर-विरोध व वैमनस्य को भूलकर शुद्ध हृदय से परस्पर क्षमा मांगनी चाहिए। मंजू बोथरा के मंगलाचरण गीत के बाद गजसिंहपुर की बहनों ने 'वंदना महावीर सौ-सौ वंदना' गीत प्रस्तुत किया। उन्होंने तेरापंथ धर्म संघ के आचार्यों के जीवन पर भी प्रकाश डाला। भाई बहनों ने उपवास व पौषध के द्वारा धर्माराधना की।
क्षमापना दिवस पर बोलते हुए उपासिका विनोद सुराणा ने कहा कि क्षमा का अर्थ केवल क्षमा मांगना या प्रदान करना ही नहीं है, अपितु मन के कलुषित विचारों का त्याग करना भी है। क्षमा मांगने से कोई नीचा नहीं होता। क्षमा का आदान-प्रदान करने से व्यक्ति महान और ऊंचा बनता है। उन्होंने प्रवास के दौरान अपने प्रवचनों, विचारों, व्यवहार एवं बर्ताव से किसी को ठेस लगने पर सभी श्रावक-श्राविकाओं से क्षमा याचना की। भाई-बहनों ने भी उपासिकाओं से क्षमा याचना की। उपासिका मोनिका नौलखा ने भी अपने विचार रखे। डॉ. संजय बोथरा, गौतम जैन, हिमांशु बोथरा एवं अरिहंत बोरड ने गीतिका गाई। सभा के प्रवक्ता जयदेव गोयल ने उपासिकाओं के प्रवास को अत्यंत लाभकारी बताते हुए कहा कि किसी प्रकार के अविनय के लिए श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष रविंद्र जैन की तरफ से क्षमा याचना की और पूज्य गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। जुगराज पींचा ने भी अपने विचार रखें। संयोजक प्रदीप बोथरा ने उपासिका बहनों का आभार जताया। सभा की ओर से उपासिका बहनों को साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। गजसिंहपुर की विजयलक्ष्मी बोथरा एवं सरोज पिंचा की तपस्या की अनुमोदना करते हुए तेरापंथ महिला मंडल ने साहित्य भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।