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दो धाराओं का आध्यात्मिक मिलन
हुबली। तेरापंथ भवन हुबली में आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य मुनि विनीत कुमार जी ने कहा कि जैन धर्म आपस में मिलजुल कर रहने की शिक्षा देता है। मुनिश्री ने आगे कहा— 'आज परम प्रसन्नता का दिन है, क्योंकि दो समुदाय की चारित्रात्माएँ एकत्रित हुई हैं। इससे जैन धर्म की एकजुटता का परिचय मिलता है। भगवान महावीर के शासन में अनेक चारित्रात्माएँ साधना कर रही हैं और साथ ही श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा और प्रशिक्षण दे रही हैं।' श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ दादाबाड़ी, हुबली में चातुर्मासरत साध्वी चंपाश्रीजी सहित अन्य साध्वियों ने तेरापंथ भवन में पधारकर मुनि विनीत कुमार जी एवं मुनि पुनीत कुमार जी से क्षमायाचना की। साध्वीश्री ने अपने वक्तव्य में संपूर्ण जैन समाज को आपस में एकजुट रहकर कार्य करने की प्रेरणा दी।