संस्थाएं
ज्ञानवर्धक कायर्शाला के विविध आयोजन
साध्वी सोमयशा जी के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल के अंतर्गत तेरापंथ कन्या मंडल – यशवंतपुर द्वारा कई प्रेरणादायी एवं ज्ञानवर्धक कार्यशालाओं का सफल आयोजन किया गया। प्रथम चरण में 'क्विज़ प्रतियोगिता – सब खेलो, सब जीतो' का आयोजन हुआ। साध्वीश्री के मार्गदर्शन में जैन धर्म की संस्कृति और नैतिक मूल्यों से जुड़े प्रश्न पूछे गए, जिनका प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक उत्तर दिया। विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। अपने उद्बोधन में साध्वीश्री ने ज्ञानार्जन की महत्ता और जीवन में धर्म के व्यवहारिक अनुपालन पर प्रकाश डाला।
द्वितीय चरण में 'तेरापंथ प्रबोध' कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें साध्वी सोमयशा जी ने आचार्य भिक्षु द्वारा दिखाए गए सत्य धर्म की व्याख्या की। उन्होंने बताया कि भीखणजी ने पुत्र और पुत्री में कभी भेदभाव नहीं किया, उनकी पुत्री का नाम प्यारीबाई था। साध्वीश्री ने कन्या होने के वास्तविक अर्थ एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए कन्याओं को आत्मविश्वास, सकारात्मक दृष्टिकोण और तेरापंथी संस्कारों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर साध्वी सरलयशा जी ने 'तेरापंथ प्रबोध' का संगान किया तथा साध्वी ऋषिप्रभा जी ने कहा कि आज के आधुनिक युग में अपने मूल धर्म को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए, जिससे लक्ष्य प्राप्ति में कोई बाधा नहीं आती।
अणुव्रत दिवस के अवसर पर कन्या मंडल ने प्रेरणादायी प्रस्तुति एवं गीतिका का आयोजन किया। इसमें समाज के समक्ष अणुव्रत के मुख्य सिद्धांत जैसे – नशामुक्ति, अहिंसा, दहेज उन्मूलन, असत्य भाषण का परित्याग और मिलावट से दूरी – को सरल और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। गीतिका और प्रस्तुति ने सभी उपस्थितजनों को गहराई से प्रभावित किया और सभी ने अणुव्रत मार्ग को अपनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन कन्या मंडल की संयोजिका दृष्टि गन्ना और सह-संयोजिका दिया पोरवाड़ ने किया। प्रभारी गीता गन्ना ने स्वागत किया। मंडल अध्यक्ष रेखा पितलिया और मंत्री टीना पितलिया ने विचार व्यक्त किए। पुरस्कार वितरण सभा के उपाध्यक्ष ताराचंद गन्ना एवं मंडल की संगठन मंत्री प्रियंका डुंगरवाल ने किया। सभा एवं परिषद के सदस्य भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। आभार सह-प्रभारी नीलम तातेड़ ने व्यक्त किया।