सामूहिक क्षमापना कार्यक्रम एवं जैन महिला सम्मेलन का भव्य आयोजन

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चेन्नई।

सामूहिक क्षमापना कार्यक्रम एवं जैन महिला सम्मेलन का भव्य आयोजन

श्री जैन महासंघ के तत्वावधान में श्री श्वेताम्बर, मूर्तिपूजक, स्थानकवासी, तेरापंथ एवं दिगंबर संप्रदाय का सामूहिक क्षमायाचना कार्यक्रम महिला वर्ग हेतु साहुकारपेट सभा भवन में सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण और गीतिका से किया गया। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा हेमलता नाहर ने साध्वी वृंद और सभी उपस्थित बहनों से विनम्रतापूर्वक क्षमायाचना करते हुए कहा कि आप सभी की उपस्थिति से इस आयोजन की शोभा और बढ़ गई है।
साध्वी उदितयशा जी ने कहा कि मैत्री शब्द भले छोटा हो, लेकिन उसकी आत्मा असीम और विराट है। हर जीव के प्रति मैत्री की भावना रखना ही महावीर संदेश का सार है। मैत्री दिवस गांठें खोलने और आत्मा को जागृत करने का पर्व है। अंतर से क्षमायाचना ही आत्मा को हल्का करने और रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने का वास्तविक मार्ग है। साध्वी भव्ययशा जी और साध्वी शिक्षाप्रभा जी ने मैत्री दिवस पर गीतिका प्रस्तुत कर वातावरण को आध्यात्मिक और मैत्रीभाव से आलोकित कर दिया। इस अवसर पर आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी उदितयशा जी, साध्वी विज्ञप्तियशा श्रीजी म.सा., साध्वी पर्वनिधि श्रीजी म.सा., साध्वी नीलमप्रभा जी म.सा. और साध्वी आज्ञानिधि श्रीजी म.सा. आदि साध्वी वृन्द ने अपने विचार रखे। शीतल मुथा ने जैन महासंघ की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। स्थानकवासी समाज से संगीता बांठिया ने अपने विचार रखे। जैन महासंघ से लता पारख ने तेरापंथ संप्रदाय का प्रतिनिधित्व किया।
द्वितीय सत्र महिला सम्मेलन का शीर्षक था— 'कहाँ हैं आप? ज़रा पीछे मुड़ें… देखें, क्या छोड़ेंगे छाप।' इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने विशेष प्रस्तुति दी। गीतिका साध्वी संगीतप्रभा जी द्वारा लिखी गई थी और समर्पण टीम की बहनों ने स्वरबद्ध किया। साध्वी भव्ययशा जी ने पेंसिल के पाँच गुणों के उदाहरण द्वारा जीवन संदेश दिए और कहा कि जैसे पेंसिल अपनी छाप छोड़ती है, वैसे ही हमें भी प्रेम, करुणा और सौहार्द के कार्य करने चाहिए। इसके बाद महिला मंडल मंत्री वंदना पगारिया ने टॉक शो पैनलिस्ट बहनों का परिचय कराया। पैनलिस्ट दीपा पारख, सुनीता यशपाल और डॉ. अंजू सोनी ने प्रश्नों के सारगर्भित उत्तर देकर मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम की संयोजिकाएं—सूरज मुथा, सुमन बरमेचा, उषा धोका, प्रीति डुंगरवाल, सूरज बोथरा, लीला सेठिया और रेखा गादिया—ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या माला कातरेला और दीपा पारख की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। लगभग 500 बहनों की सहभागिता और सभी संप्रदायों से 22 मंडलों की उपस्थिति से यह आयोजन ऐतिहासिक और प्रेरणादायी बन गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी संगीत प्रभा जी ने किया।