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दिव्य भक्तामर अनुष्ठान का आयोजन
यशवंतपुर। स्थानीय तेरापंथ भवन में साध्वी सोमयशाजी के सान्निध्य में दिव्य भक्तामर जप अनुष्ठान संपन्न हुआ। अनुष्ठान में लगभग 85 श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। साध्वीश्री ने भक्तामर अनुष्ठान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नियमित भक्तामर पाठ करने से हमारी सोच बदल जाती है, विचार शुद्ध बनते हैं और भीतर में आनन्द की अनुभूति होती है। विघ्न बाधा का निवारण होता है। यह एक ऐसा स्तोत्र है जो श्वेताबर, दिगंबर सभी अपनी श्रद्धा, आस्था से स्वीकार करते हैं। यह स्तोत्र जैन परपरा में सर्वमान्य है। पूरी परिषद ने तन्मय होकर भक्तामर स्तोत्र का सामूहिक उच्चारण किया। श्रद्धालुओं ने नियमित भक्तामर पाठ करने का साध्वीश्री से संकल्प लिया। डॉ साध्वी सरलयशा जी एवं साध्वी ऋषिप्रभा जी ने गीत का संगान किया।