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‘आओ नींद को अपनी ताकत बनाएं’ कार्यशाला का आयोजन
बहुश्रुत मुनि उदित कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि नींद दर्शनावरणीय कर्म से जुड़ी है। उसके उदय से नींद अधिक या कम हो सकती है। अच्छी नींद वही है जिससे उठते ही ताजगी महसूस हो और तुरंत उठ जाया जाए। आचार्य महाप्रज्ञ जी के अनुसार नींद की मुख्य साइकिल 17 मिनट की होती है जिसमें 3 मिनट की गहरी नींद (sound sleep) होती है। मुनिश्री ने नींद को साधना में सहायक बताते हुए 'प्रतिक्रिया विरति' साधना का महत्व समझाया और 'ह्रूं ह्रं' मंत्र का विशुद्धि केंद्र पर ध्यान करवाया।
शुभारंभ के बाद लक्ष्मीनगर क्षेत्र की बहनों ने प्रेरणा गीत प्रस्तुत किया। पूर्वी दिल्ली महिला मंडल अध्यक्ष मंगला कुण्डलिया ने स्वागत किया। प्रशिक्षिका शिल्पा दूगड़ ने नींद की परिभाषा, वैज्ञानिक पक्ष समझाते हुए बताया कि मेलाटोनिन हार्मोन अच्छी नींद के लिए आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए चार उपाय सुझाए – सुबह धूप में टहलना, योग व प्राणायाम; प्रतिदिन मनपसंद गतिविधि करना; संतुलित खानपान और ध्यान का नियमित अभ्यास। उन्होंने ध्यान का प्रयोग भी करवाया। कार्यक्रम में सुनीता जैन, विजया मालू, राजेंद्र सिंघी, निर्मल छल्लाणी, आनंद बुच्चा, क्रांति बरडिया आदि गणमान्य उपस्थित रहे। शिल्पा दूगड़ का सम्मान महिला मंडल पदाधिकारिणियों ने किया।
दूसरे चरण में तेरापंथ प्रबोध की 20 गाथाओं पर आधारित प्रतियोगिता हुई जिसमें 28 बहनों ने भाग लिया। प्रथम स्थान सुप्रिया दूगड़ व कविता मालू, द्वितीय कनक भंसाली व मंजू जैन और तृतीय अंजू बैद व मंजू बैद ने प्राप्त किया। सभी विजेताओं को सम्मानित किया गया। संचालन व आभार ज्ञापन मंत्री दीपिका नाहटा ने किया। कार्यशाला में लगभग 150 लोग उपस्थित रहे।