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भिक्षु धम्म जागरणा का आयोजन
मुनि जिनेशकुमार जी के सान्निध्य में 223वें भिक्षु चरमोत्सव पर भिक्षु धम्म जागरण का भव्य आयोजन जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कलकत्ता-पूर्वाचल इस्ट) एवं तेरापंथ युवक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में भिक्षु विहार में किया गया। मुख्य गायक जागृत कोठारी (केलवा) थे। इस अवसर पर मुनि जिनेशकुमार जी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि आचार्य भिक्षु भारतीय संस्कृति के पुरोधा-संत थे। वे महान क्रांतिकारी, महाउपकारी, आत्मार्थी, निर्भीक, ओजस्वी, महामनस्वी और भाग्यविधाता थे। वे श्रमण संघ के सक्षम त्राता और सत्य के अन्वेषक थे। उनके सुमिरण से व्यक्ति आरोग्य, बोधि, समाधि और आनंद को प्राप्त करता है। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि कुणाल कुमार जी के मंगलाचरण से हुआ।
मुख्य भजन गायक जागृत कोठारी ने भिक्षु भजनों की ऐसी सरिता बहाई, जिसमें भक्तजन भिक्षु भक्ति में रमे। उनके भजनों से पूरा वातावरण भक्तिमय बन गया। इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य पूर्वाचल सभा के अध्यक्ष संजय सिंघी और तेरापंथ युवक परिषद् पूर्वाचल के अध्यक्ष राजीव बोथरा ने दिया। तेरापंथी सभा पूर्वांचल, तेरापंथ महिला मंडल पूर्वांचल, तेरापंथ युवक परिषद् पूर्वाचल, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम पूर्वाचल और जैन कार्यवहिनी के सदस्यों ने समूह गीतों के माध्यम से भक्तिमय प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम का आभार ज्ञापन तेयुप मंत्री सिद्धार्थ दुधेडिया ने किया और मुख्य गायक जागृत कोठारी का सम्मान किया गया।