223वाँ आचार्य श्री भिक्षु चरमोत्सव के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

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संगरूर

223वाँ आचार्य श्री भिक्षु चरमोत्सव के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

साध्वी प्रांजलप्रभा जी के सान्निध्य में तेरापंथ के आद्य प्रणेता आचार्य भिक्षु के जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के द्वितीय चरण का आयोजन तथा भिक्षु चरमोत्सव का भव्य कार्यक्रम तेरापंथ भवन संगरूर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के मंगल मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। साध्वी गौतमप्रभा जी और साध्वी मध्यस्थप्रभा जी ने सुमधुर गीत से मंगलाचरण किया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी प्रांजलप्रभा जी ने कहा कि हमें तेरापंथ पर नाज है इसलिए कि यह एक मर्यादित सुव्यवस्थित धर्म संघ है। यहां एक गुरु का अनुशासन है। एक आचार, एक विचार है। किसी भी धार्मिक संगठन का भौतिक आधार संख्या नहीं, अपितु सुदृढ़ आचार है। शिथिलाचार संगठन को ले डूबता है। आचार्य भिक्षु के इस दृष्टिकोण ने तेरापंथ को एक आचारवान धर्म संघ बनने का गौरव प्रदान किया। इस दौरान साध्वीश्री ने त्रिदिवसीय निर्धारित विषयों पर भी सविस्तार प्रकाश डाला। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष अमरनाथ, मंत्री रमेश शर्मा, सुकृत जैन, अमन शर्मा, तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री प्रिया जैन, मीना जिंदल, प्रीति सिंगला, दिव्या सिंगला, प्रियंका गुप्ता, सपना, गरिमा आदि ने कविता, गीत, संभाषण आदि से अपने आराध्य की अभ्यर्थना की। स्थानीय महिला मंडल ने सामूहिक गीत की प्रस्तुति की। अर्चना के स्वर में साध्वी रुचिप्रभा जी , साध्वी गौतमप्रभा जी , साध्वी मध्यस्थप्रभा जी ने रियलिटी शो के द्वारा आचार्य भिक्षु के व्यक्तित्व को विभिन्न रूपों में उजागर किया। इस अवसर पर प्रातः 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक अखंड 13 घंटे का ओम भिक्षु जय भिक्षु का जाप चला।