उपसर्गहर स्तोत्र के महाअनुष्ठान का भव्य आयोजन

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महरौली, नई दिल्ली।

उपसर्गहर स्तोत्र के महाअनुष्ठान का भव्य आयोजन

साध्वी कुन्दनरेखा जी के सान्निध्य में नवरात्रि की सम्पन्नता पर तेरापंथ सभा दिल्ली के तत्वावधान में उपसर्गहर स्तोत्र का महाअनुष्ठान मंगलमय वातावरण में आयोजित किया गया। इस अवसर पर साध्वी कुन्दनरेखा जी ने कहा, 'आचार्य भद्रबाहु द्वारा रचित यह महास्तोत्र लाखों-लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। नामानुसार यह उपसर्गों का हरण कर मनुष्य को शांति एवं आत्मिक सुख प्रदान करता है। 27 श्लोकों का यह स्तोत्र बीजाक्षरों से गुंफित और अत्यंत प्रभावकारी है। पौष कृष्ण दशमी से 27 दिनों तक इसकी विशेष साधना द्वारा साधक इसे सिद्ध करता है। सामान्यतः यह 52 श्लोकों में प्रचलित है, परंतु 27 श्लोकों का विशेष प्रभाव बताया गया है।'
इस अवसर पर साध्वी कुन्दनरेखाजी, साध्वी सौभाग्ययशाजी, साध्वी कल्याणयशाजी, समणी जयंतप्रज्ञा जी एवं समणी सन्मतिप्रज्ञा जी आदि सभी ने अनुष्ठान के दौरान संपूर्ण उपसर्गहर स्तोत्र एवं ऋद्धि मंत्रों का सामूहिक उच्चारण किया। लगभग 200 साधक-साधिकाओं ने इस अनुष्ठान में भाग लिया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुखराज सेठिया ने उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, 'मंत्रों की शक्ति अचिन्त्य होती है। आवश्यकता है, हम उन्हें पूर्ण जागरूकता और एकाग्रता से साधें।'
अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता इंदू जैन ने कहा, 'चारों ओर दुख का माहौल है, सभी सुखपूर्वक जीना चाहते हैं। मंत्रों का विशेष प्रभाव होता है जिनमें भी उपसर्गहर स्तोत्र का स्थान विशेष है।' कार्यक्रम का प्रारंभ णमोकार मंत्र के संगान से हुआ। प्रारंभ में उषा शुक्ला ने संपूर्ण सभागार को प्राणिक हीलिंग के माध्यम से ऊर्जावान बनाया, ताकि उपसर्गहर स्तोत्र का प्रभाव और भी सशक्त बना रहे।