51 दिनों की तपस्या का अभिनंदन

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उदयपुर।

51 दिनों की तपस्या का अभिनंदन

साध्वी त्रिशलाकुमारी जी के सान्निध्य में निर्मल जैन के 51 दिन की तपस्या के उपलक्ष्य में महाप्रज्ञ विहार में भव्य तपोभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी रश्मिप्रभा जी के मंगलाचरण से हुआ। सभा के अध्यक्ष कमल नाहटा, रेणुबाला जैन व तेयुप के अध्यक्ष अशोक चोरड़िया ने अपनी भावाभिव्यक्ति देते हुए तपस्वी भाई निर्मल के प्रति अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। तेयुप व महिला मंडल की 51 बहनों द्वारा गीत की प्रस्तुति ने पूरे परिसर में समां बांध दिया। परिवार की ओर से ऊषा चव्हाण ने तपस्वी का परिचय प्रस्तुत किया। पुत्रवधु रूचि व कनिष्का ने तप की अनुमोदना करते हुए उन्हें सुपरहीरो बताया। साध्वी रश्मिप्रभा जी ने गीत का स्नान किया। साध्वीप्रमुखाश्री जी द्वारा प्रदत्त संदेश का वाचन साध्वी कल्पयशा जी ने किया।
तपस्वी भाई निर्मल जैन ने अपने भाव अभिव्यक्त करते हुए कहा, 'जब कभी साध्वीश्री किसी को तपस्या का प्रत्याख्यान करवाती थीं, तब मेरे मन में आता था कि मैं तो कभी तपस्या कर ही नहीं सकता। एक दिन मैंने साध्वीश्री का प्रवचन सुना और उसी समय संकल्प कर लिया कि मुझे भी तपस्या करनी है और 51 दिन की तपस्या करनी है। देव, गुरु, धर्म की कृपा से, साध्वीश्री की प्रबल प्रेरणा से और परिवार के सहयोग से आज मेरी तपस्या सानंद संपन्न हो रही है। मैं साध्वीश्री के प्रति अनंत कृतज्ञता व्यक्त करता हूं कि आपका यह चातुर्मास मेरे लिए वरदान बन गया।'
साध्वी त्रिशलाकुमारी जी ने अपने उद्बोधन में कहा, 'आज उदयपुर के इतिहास में एक स्वर्णिम पृष्ठ का सृजन हो रहा है। 51 दिन की तपस्या करना बहुत बड़े मनोबल व संकल्पबल का कार्य है। निर्मल जैन धुन के धनी हैं — प्रातःकाल प्रार्थना में आना, प्रवचन सुनना, प्रतिदिन एकासन करना। प्रत्येक महीने की एक से सात तारीख तक वे गुरुदेव की सेवा में रहते हैं। इस बार लंबी तपस्या की प्रेरणा भीतर से जगी। जो व्यक्ति पहले तेले से ऊपर कभी नहीं करता था, वही आज 51 दिन की तपस्या संपन्न कर रहा है। इन 51 दिनों में प्रतिदिन मंगलपाठ सुनने आना, 47 दिन तक गुरुदेव की सेवा में जाना — ऐसा लगता है कोई अदृश्य शक्ति इनका सहयोग कर रही है। निर्मल ने तपस्या करके कर्मों की निर्जरा की, वहीं परिवारवालों ने सहयोग देकर महान निर्जरा की। पूरा परिवार साधुवाद का पात्र है। निर्मल ने इतनी लंबी तपस्या करके कुल का गौरव बढ़ाया ही है, साथ ही जिनशासन की नींव को भी और गहरा किया है।'
थली प्रांत के भाइयों ने सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। आभार ज्ञापन लवीश जैन ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी कल्पयशा जी व सभा के मंत्री अभिषेक पोकरना ने किया।