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विलक्षण व विशिष्ट प्रतिभा के धनी थे आचार्य भिक्षु
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में मासिक शुक्ला त्रयोदशी पर भव्य भिक्षु धम्म जागरण का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद्, पूर्वांचल द्वारा भिक्षु विहार में किया गया। मुख्य संगायक सुप्रसिद्ध गायक देवेन्द्र जी बैंगानी थे। धम्म जागरण में आशीर्वचन प्रदान करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा तेरापंथ के प्राणदेवता, संस्थापक आद्यप्रवर्तक आचार्य भिक्षु थे। वे विलक्षण व विशिष्ट प्रतिभा के धनी थे। वे आत्मार्थी ,पापभीरू, तत्त्वविद, मरुधर के मंदार, उज्ज्वल चरित्र के धनी थे। वे अनुशासन व साधना प्रिय थे। वे उनकी रचनाएँ तत्त्वबोध प्रेरणा व कुरूढ़ियों पर प्रहार करने वाली है। वे सत्य के प्रति समर्पित थे। उनके जितने गुण गाए उतना थोड़ा है। देवेन्द्र बैंगानी मधुर गायक है इन्होंने भिक्षु भक्ति गीतों के द्वारा सभी को भाव-विभोर कर दिया। सभी गायकों ने सुमधुर संगान किया है सभी के प्रति मंगलकामना व्यक्त करता हूँ। मुनिश्री कुछ भिक्षु भक्ति गीतों का आंशिक संगान भी किया। मुनि कुणाल कुमार जी के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। धम्म जागरण में पूर्वांचल स्वर लहरी, जैन कला संगम, तेरापंथ महिला मंडल, पूर्वाचल, तेरापंथ किशोर मंडल पूर्वांचल, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा सॉल्टलेक, तेरापंथ महिला मंडल, साल्टलेक ने समूह गीतों व धीरज मालू, भूरामल सामसुखा, गुलाब बैद ने एकल गीतों का संगान व प्रस्तुति देकर सभा को भाव विभोर कर दिया। मुख्य संगायक देवेन्द्र बैंगनी ने एक के बाद एक, अनेक भिक्षु भक्ति गीतों की प्रस्तुति देकर सभा को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने धम्मजागरण को नई ऊंचाई प्रदान की। आभार ज्ञापन तेयुप मंत्री सिद्धार्थ दुधेड़िया ने किया। संचालन धीरज मालू ने किया।