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आचार्य भिक्षु त्रिशताब्दी वर्ष के तहत प्रतियोगिता का आयोजन
तेरापंथ भवन में 'शासनश्री' साध्वी जिनरेखा के सान्निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ के आद्य प्रवर्तक आचार्य भिक्षु के जीवन दर्शन पर आधारित प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें आचार्य भिक्षु की मर्यादा, आचार, विचार एवं उनके जीवन पर आधारित प्रश्न किए गए। इस अवसर पर साध्वी जिनरेखा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु के जीवन दर्शन को समझ कर व्यक्ति अपनी आत्मा का उत्थान कर सकता है अनुशासित मर्यादित जीवन आचार्य भिक्षु की विशेष पहचान है। विद्यार्थी जीवन में भी अनुशासन में रहकर विद्या अर्जन की जाए तो उसका प्रभाव भी व्यापक फलदायी होता है। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पीयूष बालड़, भारती बालड़, संगीता देवी ग्रुप, द्वितीय स्थान कोमल सिंघवी, दिशा भंसाली, दीपिका बालड़ ग्रुप, तृतीय स्थान सीमा बुरड़, ट्विंकल भंसाली, ख़ुशी मालू ग्रुप सहित सभी प्रतियोगियों को नवीन कुमार, गौतम चौपड़ा, गिरधर चौपड़ा परिवार की ओर से पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता में 31 प्रतिभागियों ने भाग लिया। साथ में चंदन बालिका नाट्य, शिशु संस्कार बोध के प्रतिभागियों को तेरापंथ सभा, राकेश जैन, दिनेश कुमार, नेमीचंद अमृतलाल बालड़ एवं गौतम चौपड़ा परिवार की ओर से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर साध्वी मधुरयशा जी, साध्वी श्वेतप्रभा जी, साध्वी धवलप्रभा जी, साध्वी मार्दवयशा जी का मंगल सान्निध्य प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन साध्वी श्वेतप्रभा जी ने किया। इस अवसर पर संरक्षक नेमीचंद छाजेड़ सभा अध्यक्ष राकेश जैन, कोषाध्यक्ष मदनलाल बालड़, जेठमल छाजेड़, पुखराज बालड़, अशोक मंडोत, नेमीचंद बालड़ महिला मंडल अध्यक्षा अनिता जैन, मनोज चौपड़ा आदि उपस्थित रहे।