साधुओं के दर्शन से मिलता है अचिन्त्य लाभ : आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

शामलाजी। 15 नवम्बर, 2025

साधुओं के दर्शन से मिलता है अचिन्त्य लाभ : आचार्यश्री महाश्रमण

जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, तीर्थंकर के प्रतिनिधि, महातपस्वी युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आगम-आधारित अमृत देशना प्रदान करते हुए फरमाया कि हमारे जीवन में साधुओं की संगति का बहुत महत्त्व है। प्रश्न उठता है कि साधुओं की पर्युपासना करने से क्या लाभ होता है? उत्तर यह है कि पहली बात तो साधुओं का दर्शन ही अपने आप में एक महान उपलब्धि है — वे चलते-फिरते तीर्थ के समान होते हैं। साधु अहिंसक और त्यागी होने चाहिए। ऐसे साधुओं के दर्शन करने से दर्शनकर्ता के पाप झड़ सकते हैं, निर्जरा हो सकती है। साधुओं का एक घड़ी, आधी घड़ी, अथवा पाव घड़ी का भी सान्निध्य मिल जाए तो अपार लाभ संभव है। मोह-माया से रहित, त्याग-वैराग्य और आध्यात्मिकता से ओतप्रोत साधु के दर्शन एवं उनके प्रवचन का श्रवण हो जाए तो अत्यंत लाभ प्राप्त हो सकता है।
आँखों से दर्शन का लाभ मिलता है और कानों से प्रवचन का श्रवण होने पर श्रवणेंद्रिय को लाभ होता है। सुनने से व्यक्ति को आत्मा-परमात्मा का ज्ञान, तथा हेय–उपादेय का विवेक प्राप्त होता है। इससे व्यक्ति में धर्म के स्वीकरण की भावना जागती है तथा पापकारी कार्यों को त्यागने की समझ विकसित होती है। यही अध्यात्म का विज्ञान है। त्याग–प्रत्याख्यान की भावना जागृत होने से संवर आता है, और संयम तथा तप के बल से कभी व्यक्ति की आत्मा मोक्ष-पथ को प्राप्त कर सकती है। इसलिए साधुओं की संगति और धर्मकथा का श्रवण अत्यंत दुर्लभ और पुण्यदायक कहा गया है।
आचार्य प्रवर ने आगे फरमाया कि आज शामलाजी में आगमन हुआ है। अभी तक गुजरात में प्रवास था। अब आगे राजस्थान के मेवाड़, मारवाड़ और छोटी खाटू की दिशा में बढ़ना है। गुजरात में हमारा चातुर्मास प्रवास हुआ है और अब विदाई का समय आ गया है। गुजरात से वियोग और राजस्थान से संयोग का प्रसंग बन रहा है। इस बार गुजरात में लम्बा प्रवास रहा। गुजरात के पाँच क्षेत्रों में हमारा आगमन हुआ और अब राजस्थान में प्रवेश का अवसर आ रहा है। हमारे परम पूज्य आचार्यों के प्रवास का मुख्य क्षेत्र राजस्थान ही रहा है।
आज शामलाजी में उत्तर गुजरात श्रावक समाज द्वारा मंगल भावना समारोह आयोजित किया गया। आचार्य प्रवर के मंगल प्रवचन के उपरांत भिलोड़ा के महावीर चावत ने अपनी श्रद्धाभिव्यक्ति दी। भिलोड़ा ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी प्रस्तुति दी। कथाकार श्यामसुंदर महाराज ने स्वागत अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। खेड़ ब्रह्मा के शंकरलाल जैन ने के.एल. हॉस्पिटल में आचार्य महाश्रमण इमेजिंग सेंटर के लोकार्पण के संदर्भ में अपने भाव व्यक्त किए। इमेजिंग सेंटर से संबंधित पट्ट का लोकार्पण आचार्य प्रवर की मंगल सन्निधि में संपन्न हुआ। अहमदाबाद चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष अरविंद संचेती ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मंडल, अहमदाबाद ने मंगल गीत का सुमधुर संगान किया। संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।