गूगल बाबा गुरु नहीं है, ज्ञान गुरु से ही लेना चाहिए

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जयपुर।

गूगल बाबा गुरु नहीं है, ज्ञान गुरु से ही लेना चाहिए

आज दुनिया में ज्ञान प्राप्ति के अनेक साधन उपलब्ध हो गए हैं। गूगल, एआई, चैट जीपीटी आदि कई माध्यमों से आदमी जानकारियां प्राप्त कर रहा है। वैज्ञानिक युग के यह साधन सुविधा के साथ दुविधा भी पैदा कर रहे हैं। जो ज्ञान गुरु अथवा अनुभवी से मिल सकता है वह ज्ञान गूगल बाबा से नहीं मिल सकता। अतः ज्ञान गुरु से ही लेना चाहिए, गूगल बाबा गुरु नहीं है। ये विचार मुनि तत्त्वरुचि जी 'तरुण' ने सोमवार को भिक्षु साधना केंद्र, श्यामनगर में 'गूगल बनाम गुरु' विषय पर प्रवचन देते हुए व्यक्त किये। मुनिश्री ने गुरु की महत्ता उजागर करते हुए कहा - जिसके जीवन में गुरु नहीं, उसका जीवन भी शुरू नहीं है। गुरु बिना जीवन में अंधेरा है। अज्ञान का अंधकार गुरु ही मिटा सकते हैं। इस अवसर पर मुनि संभवकुमार जी ने कहा - दुनिया में जो कार्य गुरु कर सकते हैं, वह दूसरा कोई नहीं कर सकता। उन्होंने कहा - गुरु द्वारा प्राप्त ज्ञान से आदमी स्वतंत्र बनता है। जबकि गूगल तो आदमी को परतंत्र बनाता है। आत्मनिर्भरता गुरु ज्ञान से आती है। गूगल के प्रयोग से व्यक्ति परावलंबी बनता है। प्रवचन से पूर्व प्रातः कालीन प्रार्थना के पश्चात आसन, प्राणायाम एवं ध्यान साधना के कार्यक्रम हुए।