प्रेक्षावाहिनी की प्रथम कार्यशाला

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नोखा।

प्रेक्षावाहिनी की प्रथम कार्यशाला

नोखा। 'योगसाधिका' साध्वी राजीमती जी ने प्रेक्षाध्यान, महाप्राण ध्वनि का प्रयोग करवाते हुए कहा - व्यक्ति बाहर भटकता है। राग, द्वेष, ईर्ष्या, कलह का जीवन ज्यादा जीता है। आवश्यकता है अपने आप को देखें। श्वास कैसे आता है उसको देखें। शांत रहे। प्रतिदिन ध्यान का अभ्यास करने से व्यक्ति में अंदर व बाहर की क्षमता बढ़ती है। स्थूल शरीर से सूक्ष्मता की ओर जाना ही प्रेक्षाध्यान है। भावना मरोठी ने यौगिक क्रियाओं के प्रयोग करवाते हुए प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाए। महिला मंडल अध्यक्षा प्रीति मरोठी ने बताया कि प्रेक्षावाहिनी कार्यशाला का जन-जन को लाभ मिले इसलिए प्रति माह प्रेक्षाध्यान का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साध्वी प्रभातप्रभा जी ने कहा- प्रेक्षाध्यान क्या है इसके बारे में समझाया। भगवान महावीर ने भी अपने जीवन में ध्यान की साधना की। विभिन्न रोगों का इलाज प्रेक्षाध्यान के द्वारा संभव है।त्रिपदी वंदना,और महाप्राण ध्वनि का प्रयोग करवाए। इस कार्यशाला में सभा अध्यक्ष शुभकरण चौरड़िया, मंत्री मनोज घीया, उपाध्यक्ष लाभचंद छाजेड़, कवि इंदरचंद बैद, बच्छराज पारख ,अनुराग बैद, सुशील भूरा,श्रीमती मंजु बैद, विभा आंचलिया, धारा लूणावत, मोनिका बैद, पुष्पादेवी पारख, युवक आदि उपस्थित रहे।