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उजाला-परंपरा कार्यशाला का आयोजन
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी पुण्ययशा जी के पावन सानिध्य में तेरापंथ महिला मंडल द्वारा वृहद् बेंगलुरु स्तरीय उजाला कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय था– परंपरा और प्रगति में संतुलन। साध्वीश्री जी द्वारा नमस्कार मंत्र एवं ॐ भिक्षु जय भिक्षु के जप से कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। मंडल की बहनों द्वारा सुंदर मंगलाचरण किया गया। अध्यक्ष मंजु बोथरा ने आगंतुकों का भावभरा स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए विषय पर अपने विचार रखें। प्रेरणा गीत का संगान सभी शाखा मंडलों की प्रतिनिधि बहनों द्वारा किया गया। सभा अध्यक्ष राकेश छाजेड़ ने अपने विचार रखें। साध्वी बोधिप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि परंपरा कभी बंधन नहीं होती। रूढ़िवाद को छोड़कर आत्मविश्वास के साथ जब महिलाएं कार्य करती है तो वह हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती है। साध्वी श्री वर्धमानयशा जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। आज की इस विशिष्ट कार्यशाला के मुख्य वक्ता रहे चेन्नई से पधारे अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राकेश जी खटेड़। उन्होंने अपने प्रभावशाली वक्तव्य में कहा की परंपरा कभी रूढ़िवाद नहीं होनी चाहिए। जो परंपराएं गलत है उन्हें बढ़ावा नहीं देना चाहिए और जो सही है उन्हें समझ कर आगे बढ़ना चाहिए। सही परंपराओं को आगे बढ़ाना है तो उनकी जिज्ञासाओं का समाधान देना होगा। इस प्रकार दिए हुए संस्कार ही परंपराओं की नींव को सुदृढ़ बनती है और प्रगति की सूचक है। उन्होंने कहा कि अच्छी परंपराओं को रूढ़ि समझ कर उन्हें छोड़ना नहीं है। विवाह, खानपान, पहनावे में पारंपरिक आस्था को वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया। साध्वी श्री पुण्ययशाजी ने बाहर के उजाले के साथ अंदर के उजाले की बात रखी तथा कहा कि उजाला उन्नति, विकास व संस्कृति का प्रतीक है। प्रेम, वात्सल्य, विनय के साथ हमारी ऊर्जा शक्ति और क्षमता को परिवारिक स्तर पर अपनाएं। संस्कृति का आधार मां-बाप है। संस्कृति परिवार से बनती है। संस्कारों को पहले हम स्वयं जिएं फिर बच्चों पर लागू करें। उजाला सूर्योदय के अगवानी में आता है। उजाला हमारी सुगती के संदेश का प्रतीक है। अभातेममं की सहमंत्री श्रीमती मधु कटारिया ने केन्द्र की आगामी गतिविधियों की जानकारी दी तथा बेंगलुरु की सभी शाखा मंडलों का वर्ष में एक कार्यक्रम एक साथ करने की बात रखी। आज की कार्यशाला के प्रायोजक हनुमानमल जी संजय बैद परिवार से प्रेम बैद का सम्मान किया गया। मुख्य वक्ता राकेश खटेड़ का सम्मान किया गया। गांधीनगर, विजयनगर, राजाजीनगर, हनुमंतनगर, यशवन्तपुर, टी. दासरहल्ली क्षेत्रों से अध्यक्ष बहनें अपनी टीम सहित पधारीं।