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‘Science of Inner Balance’ कार्यक्रम का आयोजन
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सूशिष्य मुनि रश्मि कुमार जी के पावन सानिध्य में तेरापंथ भवन गुड़ियाथम में 'Science of Inner Balance' का एकदिवसीय आध्यात्मिक प्रशिक्षण शिविर तेरापंथ महिला मंडल, गुड़ियातम के तत्वावधान आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में लगभग 70 साधकों ने भाग लेकर ध्यान, प्रेक्षा साधना एवं आत्मिक जागरूकता के माध्यम से मन की स्थिरता और आंतरिक संतुलन की अनुभूति प्राप्त की। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र एवं मंगलाचरण से हुआ। तत्पश्चात प्रशिक्षकों ने क्रमवार सत्रों के माध्यम से तन, मन और आत्मा के सामंजस्य पर गहन अभ्यास कराया। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें तमिल साधकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह आयोजन संस्कृति और साधना का सुंदर संगम बन गया। मुख्य प्रशिक्षकों —श्रीमती भारती मूथा,श्रीमती साधना परमार,श्रीमती श्वेता पिपाडा,Laughter Therapist श्री मुकेश गिरिया द्वारा साधकों को आत्म-संतुलन, श्वास-साधना, योग एवं ध्यान के वैज्ञानिक पहलुओं का अभ्यास कराया गया। मुनि श्री रश्मि कुमार जी ने कहा कि — वर्तमान समय में बाहरी उपलब्धियों की दौड़ में मनुष्य स्वयं से दूर होता जा रहा है। वास्तविक सुख बाहरी वस्तुओं में नहीं, बल्कि अपने आंतरिक संतुलन और आत्म-जागरूकता में निहित है। जब मन शांत होता है, तभी जीवन में सच्ची प्रसन्नता आती है। उन्होंने आगे कहा कि 'Science of Inner Balance के माध्यम से हम अपने भीतर छिपी सकारात्मक शक्ति को पहचान सकते हैं। यह साधना केवल ध्यान नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है जो हमें संयम, समता और संतुलन के मार्ग पर अग्रसर करती है।' मुनि प्रियांशु कुमार जी ने भी साधकों को आत्म-जागरूकता की दिशा में निरंतर अभ्यास करने का संदेश दिया और कहा कि 'प्रेक्षा साधना हमें भीतर की शुद्धता और बाहर की समरसता दोनों प्रदान करता है।'