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तेरापंथ-मेरापंथ कार्यशाला का सफल आयोजन
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी सिद्धप्रभाजी ठाणा-4 के सान्निध्य में व उपासक श्रेणी राष्ट्रीय संयोजक सूर्यप्रकाश श्यामसुखा के निर्देशन में मैसूर भवन में 'तेरापंथ - मेरापंथ' कार्यशाला का सफल आयोजन हुआ। लगभग 7 घंटें तक चलने वाली इस कार्यशाला में प्रवेश से अंत तक बच्चे, कन्या, किशोर, युवक युवतियों वृद्ध सहित नजनगुढ़, बैंगलोर विजयनगर, मैसूर क्षेत्र के श्रावक-श्राविकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा आचार्य भिक्षु व तेरापंथ के सिद्धान्तों की गहरी समझ प्राप्त कर उपासक द्वारा अनेक प्रश्नों का समाधान प्राप्त कर आत्मोनत्व का अनुभव किया। यह कार्यशाला की उपयोगिता व सफलता का प्रतीक था। साध्वीश्री द्वारा महामंत्रोच्चार के शुभारंभ पश्चात् साध्वीवृद्ध ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। उपासक राजेश आच्छा, राष्ट्रीय उपासक श्रेणी के संयोजक सूर्यप्रकाश श्यामसुखा का परिचय प्रस्तुत किया। सभा अध्यक्ष प्रकाश दक (रायल) ने स्वागत वक्तव्य किया। उपासक अशोक बुरड ने संचालन करते हुए मुख्य प्रवक्ता सूर्यप्रकाश जी को आमंत्रित किया। सूर्यप्रकाशजी ने दो चरणों में चार सत्रों द्वारा कई तेरापंथ के मुख्य सिद्धान्तों को बहुत ही सरलता और सटीकता से लोगों को समझाया। तेरापंथ की यात्रा से प्रारम्भ कर दान-दया, आज्ञा-अनाज्ञा, धर्म-अधर्म, लौकिक-लोकोतर धर्म, साध्य-साधन व साधना-शुद्धि आदि अनेक सुक्ष्म विषयों पर अनेक उदाहरणों, और तर्क और प्रमाण के साथ समझाया तथा तेरापंथ की परम्पराओं के बारे में अवगत कराया। प्रत्येक चरण में अनेकानेक जिज्ञासाओं का सटीक समाधान प्राप्त कर श्रोता संतुष्ट हो रहे थे। उन्होने कार्यक्रम की शक्ति और प्रेरणा का श्रेय आचार्यप्रवर को दिया और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। आभार सभा मंत्री दिलीप पितलिया ने किया।