श्रमण भगवान महावीर का 2552वां निर्वाण कल्याणक महोत्सव

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किलपॉक,चेन्नई।

श्रमण भगवान महावीर का 2552वां निर्वाण कल्याणक महोत्सव

चरम तीर्थकर भगवान महावीर का 2552वां निर्वाण कल्याणक दिवस युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य मुनि मोहजीत कुमार जी के सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा-किलपॉक द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर भिक्षु निलयम में मुनि मोहजीत कुमार ने कहा-भगवान महावीर का जन्म भारतीय संस्कृति में अहिंसा, अनेकान्त और अपरिग्रह की चेतना के जागरण का जन्म है, आत्म-उत्थान की प्रेरणा का जन्म है, विज्ञान जगत के लिए खोज का जन्म है। भगवान महावीर ने कहा था-अप्पणा सच्च मे सेज्जा। स्वयं सत्य खोजो।आज का मानव पर की खोज में संलग्न है। उसका चिन्तन पदार्थ जगत के साथ जुड़ा हुआ है। ऐसे भगवान महावीर की आज के युग में अतीव प्रासंगिकता है।
उन्होंने जो सिद्धान्त दिये वे केवल सुनने-पढने तक ही सीमित न रहे। आज के इस प्रसंग पर उनके कथनों को जीवन का अंग बनाने का प्रयास करें। समारोह में मुनि जयेश कुमार जी ने कहा कि महावीर का दर्शन परम वैज्ञानिक है। उन्होंने आत्मदर्शन की अनंत ऊंचाईयों और गहराइ‌यों को प्रकट किया। जहाँ तक आज का विज्ञान जगत पहुंचने का प्रयास कर रहा है। भगवान महावीर के द्वारा प्रतिपादित तत्वदर्शन विराटता और सुक्ष्मता से अभिमंडित है। मुनि भव्यकुमार जी ने महावीर के जीवन दर्शन को व्याख्यायित किया।