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तेरहवां प्रेक्षा ध्यान शिविर का आयोजन
आचार्य भिक्षु समाधि स्थल संस्थान सिरियारी के प्रेक्षा गृह में 13 (तेरहवां) प्रेक्षा ध्यान शिविर का आयोजन हुआ। प्रेक्षा गीत के सामुहिक संगान के पश्चात् शिविरार्थीयों को सम्बोधित करते हुए मुनि चैतन्य कुमार अमन ने कहा- जीवन की महानतम उपलब्धि है- आत्म साक्षात्कार। प्रेक्षा ध्यान के प्रयोगों से इस दिशा में विकास किया जा सकता है। स्वयं के द्वारा स्वयं को देखना ध्यान साधना का मुख्य प्रयोजन है। ध्यान एक साधन है इस साधन के द्वारा साधनाकर व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब हो सकता है। बशर्ते जीवन की अनमोल निधी स्वास्थ्य के द्वारा मन, वचन, काया की प्रवृत्ति को रोक कर ध्यान के क्षेत्र में विकास किया जाय। मुनिश्री धर्मेश कुमार जी ने साधकों का मार्गदर्शन करते हुए कहा- साधना का लक्ष्य है- भीतर की गहराईयों में पहुंचना । नियमित करके अभ्यास के द्वारा आगे बढ़ा जा सकता है। समस्याएं जीवन में आती रहती है परन्तु सही मार्ग में आगे बढ़ने वाला अपना जीवन सफल बना लेता है। चित्त शुद्धि जो साधक का लक्ष्य है। संयम की चेतना को पुष्ट करने वाला समाधान खोज लेता है। कार्यक्रम में संस्थान की ओर से महावीर सिंह,प्रेक्षा साधक राजेन्द्र मोदी, हनुमान बरड़िया, भंवरलाल जैन ने विचार प्रस्तुत किए। शिविर में प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाए गए। कार्यक्रम का संयोजक महेन्द्र जैन ने किया।