वृहद श्रावक सम्मेलन का आयोजन

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चेन्नई।

वृहद श्रावक सम्मेलन का आयोजन

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा चेन्नई के तत्वावधान में परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री उदितयशा जी ठाणा 4 के सान्निध्य में वृहद श्रावक सम्मेलन का आयोजन हुआ। साध्वी उदितयशा जी ने अपने विलक्षण व ओजस्वी प्रवचन में कार्यशाला की मूल भावना 'पाएं संबोध-समझें दायित्व' विषय पर उद्बोधित करते हुए श्रावकों के विविध प्रकार और सम्यक्त्वी श्रावक के लक्षणों का सरस विवेचन किया।अच्छा व सच्चा श्रावक कैसे बने और संघ के प्रति दायित्वबोध पर सघन प्रशिक्षण के साथ अवसरोचित रूप से ज्ञानशाला उपक्रम का उल्लेख करते हुए श्रावकों को इस उपक्रम पर विशेष ध्यान देने की प्रेरणा दी क्योंकि आज की संस्कारवान पीढ़ी ही कल के उत्कृष्ट श्रावक समाज की आधारशिला है। साध्वीश्री जी ने उन्नत समाज के निर्माण में सभी संस्थाओं में सामंजस्यता की महत्ता भी समझाई। साध्वीश्री द्वारा नमस्कार मंत्रोच्चार से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। प्रथम चरण में महिला मंडल ने सुमधुर भक्ति गीत से मंगलाचरण किया।
सभाध्यक्ष अशोक खतंग ने कार्यक्रम में चेन्नई एवं निकटवर्ती क्षेत्रों से समागत श्रावक- श्राविकाओं की कर्मठता और अनुकरणीय सेवाओं के प्रति कृतज्ञता अभिव्यक्त करते हुए सबका हार्दिक स्वागत किया।तत्पश्चात कार्यक्रम संयोजक श्री विमल चिप्पड़ ने श्रावकों से तेरापंथ के विधान और गुरु इंगितानुसार मर्यादोचित आचरण करने का आह्वान किया तथा उपस्थिति के लिए श्रावक समाज के प्रति आभार व्यक्त किया। द्वितीय चरण का कलात्मक संयोजन करते हुए साध्वी संगीतप्रभा जी ने मध्यवर्ती समयांतर में श्रावकत्व को पुष्ट करने व संघ के प्रति दायित्वबोध के प्रेरक उद्बोधन व प्रसंगों के माध्यम से उपस्थित श्रावक- श्राविकाओं के मानस को झकझोरा। साध्वी भव्ययशा जी ने क्रांतिकारी विचारों की अभिव्यक्ति देते हुए श्रावकों को तेरापंथ के संस्कारों को जीवन में आत्मसात करने और देव-गुरु-धर्म पर अपनी श्रद्धा को और अधिक दृढ़ बनाने का प्रेरक प्रतिबोध दिया। साध्वी शिक्षाप्रभा जी ने ध्यान का संक्षिप्त लेकिन विशेष प्रयोग करवाया। साध्वीवृन्द द्वारा प्रस्तुत सुमधुर संदेशपरक व शिक्षाप्रद गीतिका की मधुर स्वर लहरियाँ देर तक सभागार में अनुगुंजित होती रहीं। इस अवसर पर वर्ष 2025 के लिए चंदादेवी डागा प्रेक्षा सेवा संस्कार पुरस्कार चयन समिति संयोजक उगमराज सांड ने श्री विमल चिप्पड़ के नाम की घोषणा की। सभाध्यक्ष अशोक खतंग ने शुभ कामना स्वर पेश किया। चिप्पड़ परिवार ने साध्वी उदितयशा जी से कृतज्ञ भाव से आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम के प्रथम चरण का संचालन सहमंत्री मनोज डूंगरवाल ने तथा धन्यवाद ज्ञापन मंत्री गजेंद्र खाँटेड ने किया।