एक दिवसीय दंपति कार्यशाला का आयोजन
जसोल
तेयुप के तत्त्वावधान में मुनि धर्मेश कुमार जी के सान्निध्य में एक दिवसीय दंपति शिविर का आयोजन किया गया। नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत की गई और साथ ही मंगलाचरण किया गया। साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी द्वारा रचित गीत तेयुप अध्यक्ष जितेंद्र मांडोत ने अतिथियों एवं सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। मंत्री दिनेश वडेरा ने सेमिनार के बारे में जानकारी दी। मुनि धर्मेश कुमार जी ने कहा कि पारिवारिक शांति के सात सुख होते हैं, जिसमें पहला सुख निरोगी काया, दूसरा सुख घर में हो माया, तीसरा सुख सुलक्षणी नारी, चौथा सुख बेटा हो आज्ञाकारी, पाँचवाँ सुख सुस्थान वासा, छठा सुख सत्ता में हो पासा, सातवाँ सुख बेंकुंठवासा मतलब धर्म में हो आस्था। इन सबके साथ गुणों पर चर्चा करते हुए कैसे हो दांपत्य जीवन सुखी विषय पर विस्तारपूर्वक बताया। मुनि डॉ0 विनोद कुमार जी व मुनि यशवंत कुमार जी ने कहा कि परिवार समाज की सबसे छोटी ईकाई है। इसमें परिवार के लोगों का एक-दूसरे से आपसी रिश्ते जुड़े हैं। सभी रिश्तों की अपनी गरिमा होती है। आपसी समझ में स्वर्ग या नरक बसा सकते हैं। इस कार्यशाला में संपतराज चोपड़ा, कांतिलाल ढेलड़िया, महेंद्र तातेड़, मितुल चौपड़ा, तरुण भंसाली, सहित तेयुप सदस्य, महिला मंडल सदस्य व अन्य लोग भी इस सेमिनार में उपस्थित थे। आभार ज्ञापन उपाध्यक्ष ललित सालेचा ने किया।