युगप्रधान अभिनंदन कार्यक्रम
ईरोड।
कार्यक्रम में साध्वी उज्ज्वलप्रभाजी ने अपने कहा कि भैक्षव शासन में युगप्रधान वर्धापना का ऐतिहासिक क्षण है। अभिनव पुलकन प्रधान वही है जो अपने मौलिक चिंतन, मृदु व्यवहार एवं पवित्र आचरण से युवक को विकास की नई दिशा प्रदान करता है। आचार्यश्री महाश्रमण अध्यात्म की निच्छल निर्मल चेतना है, जिनका पूरा जीवन मानव उत्थान हेतु सर्वात्मना समर्पित है। साध्वी अनुप्रेक्षाश्री जी ने कहा कि आचार्यप्रवर करुणा के महान स्त्रोत हैं, उनकी करुणा व्यक्ति के भीतर नवस्पंदन पैदा करती है। साध्वी प्रबोधयशाजी ने कहा कि आचार्यप्रवर की मेघा उत्तम है, विलक्षण है। आपका तर्क कौशल है, उच्चारण कौशल और स्मृति कौशल भी अद्वितीय है। वर्धापना में अपना ईरोड श्रावक समाज की ओर से महिला मंडल की सामुहिक गीत की प्रस्तुति हुई। मंजूबाई बोथरा, वीणा भूतोड़िया, ललित चोपड़ा, सुभाष बैद, हिराली फुलफगर, दीपिका फुलफगर आदि ने गीत, भाषण के द्वारा अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सन्मतिप्रभाजी ने किया। संघगान के साथ कार्यक्रम संनन्न हुआ।