ऋषभदेव ने किया समाज व्यवस्था का सूत्रपात
सिंधिकेला।
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में मेमदेवी जैन का 16वाँ वर्षीतप हुआ। अक्षय तृतीया के अवसर पर मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि प्रभु ऋषभ अवसर्पिणी काल के आदि तीर्थंकर थे। उन्होंने संयम ग्रहण करने से पूर्व समाज को असि, मसि एवं कृषि का प्रशिक्षण दिया था। ऋषभ प्रभु ने मुनि जीवन को स्वीकार कर भोग से त्याग की ओर बढ़ना लोगों को सिखाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। सभाध्यक्ष माणिक जैन महिला मंडल अध्यक्षा लीला जैन, प्रांतीय सभाध्यक्ष मुकेश जैन कांटाबांजी सभाध्यक्ष युवराज जैन बोर्डा से जगदीश जैन, टिटिलागढ़ सभा उपाध्यक्ष रूपचंद जैन, चंदोतारा से सीताराम जैन, महासभा क्षेत्रीय प्रभारी केशव नारायण जैन, प्रांतीय सभा महामंत्री अनूप जैन, उत्केला से मोनू जैन, टिटिलागढ़, महिला मंडल से संतोष जैन ने वर्षीतप तपस्वी मेमदेवी की तपस्या की अनुमोदना की।
कांटाबांजी महिला मंडल, संजय जैन, तपस्वी परिवार ने गीत के द्वारा भावों की अभिव्यक्ति दी। सिंधिकेला सभा महिला मंडल, तेयुप-कांटाबांजी, सभा टिटिलागढ़, महिला मंडल बेलपाड़ा महिला मंडल ने तप अभिनंदन पत्र तथा साहित्य के द्वारा मेमदेवी का सम्मान किया। सभामंत्री प्रसन्न जैन ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन धीरज जैन ने किया। कार्यक्रम में मुनीगुडा, उत्केला, बोर्डो, कुरसूड, चंदोतरा, बगुमुंडा, कांटाभांजी, टिटिलागढ़, रामपुर पटनागढ़, बेलपाड़ा, भवानी पटना, तुषरा के श्रावक-श्राविकाएँ उपस्थित थे।