नवम साध्वीप्रमुखाश्री का अभिनंदन
भैक्षव शासन में अनूठो रंग छायो है,
गुरुवर! साध्वीप्रमुखा मनोनयन रो दृश्य दिखायो है।
दृश्य दिखायो है कि हर दिल नै लुभायो है।। आं।।
गुरु जन्मधरा सरदारशहर दीक्षा रो पावन दिन आयो,
प्रमुखा पद रो चयन अचानक सुण सगलां विस्मय पायो।
दूरदर्शिता देख प्रभु रीऽऽऽ जन-जन हरसायो है।।1।।
प्रमुखा पद री अमल धवल चादर निज हाथां बगसाई,
ससम्मान साध्वीवर्या जी उण चादर नै ओढ़ाई।
निज रजोहरण-पूंजणी देकरऽऽऽ इतिहास रचायो है।।
मंगलपाठ सुना दायित्व रोऽऽऽ ग्रास दिरायो है, अमृत बरसायो है।।
मोदी कुल की लाड़ली हो, चंदेरी री चाँदनी,
हैट्रिक प्रमुखा पद री लगाई, धरा लाडनूं लुभावनी।
प्रमुखा लाडां(जी), कनकप्रभाजी आशीष भिजायो है।।
धीरता, गंभीरता, समता अद्भुत अनुपम थांरी,
तपः साधना ज्ञानाराधना, देखी म्हें सबस्यूं न्यारी।
सहनशीलता, विनय समर्पण नव रंग ल्यायो है।।
नव साध्वीप्रमुखा अभिनंदन, खुशियाँ चहुदिशि है छाई,
जय-जय नंदा, जय-जय भद्दा मंगल ध्वनि है गुंजाई।
श्रद्धा मोत्यां स्यूं म्हें वधावां, चरणां शीष झुकायो है।।
गुरु तुलसी स्यूं विलक्षण मुनि दीक्षा ले मन हरसायो हो,
महापज्ञ गुरु मुख स्यूं मुख्य नियोजिका पद थे पायो हो।
प्रभु महाश्रमण प्रमुखा पद देकर गण नै महकायो है।।
लय: तप रै झूले में---