साध्वीप्रमुखा अभिवंदना समारोह का आयोजन
साउथ कोलकाता।
साध्वी स्वर्णरेखाजी के सान्निध्य में साउथ कोलकाता तेरापंथ भवन में साध्वी विश्रुतविभाजी का साध्वीप्रमुखा अभिवंदना समारोह आयोजित किया गया। नवम साध्वीप्रमुखाश्री जी के मनोनयन के साथ ही कोलकाता समाज में हर्ष की लहर फैल गई, इसी हर्ष की अभिव्यक्ति का आधार बना-अभिवंदना समारोह। साध्वीश्री जी ने कहा कि भैक्षव शासन में आचार्य का स्थान मेरुदंड की तरह होता है, मेरुदंड शरीर के लिए आधार-भूत है तो साधना के मार्ग की गति एवं विकास के लिए गुरु ही आधारभूत है। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी ने ऐसी वज्रमणि साध्वी विश्रुतविभाजी को संघ की साध्वीप्रमुखा के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया है, जो समणी, समणी नियोजिका, श्रमणी मुख्य नियोजिका जी की यात्रा करते-करते साध्वीप्रमुखा बन गई हैं। जिन्हें गुरु तुलसी ने संयम दिया आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने सजाया, संवारा, आचार्य महाश्रमण जी ने शिखरों चढ़ा दिया। शिखर पुरुष की दूरदर्शी सोच की अभिवंदना के साथ नव-निर्वाचित साध्वीप्रमुखाश्री जी की भी अभिवंदना करते हैं।
इस अभिवंदना समारोह में साध्वी स्वस्तिकाश्री जी ने अपने विचार रखे तथा साध्वीवृंद ने गीत का संगान किया। साउथ कोलकाता महिला मंडल ने नव साध्वीप्रमुखाओं के इतिहास को जीवंत करते हुए सुंदर कार्यक्रम नवम साध्वीप्रमुखाश्री जी के इंटरव्यू से जनता को मंत्रमुग्ध बनाया तो डॉ0 पुखराज सेठिया के नेतृत्व में ‘जैन जेट ऐयरवेज’ कार्यक्रम बड़ा ही रोचक रहा। तेयुप, साउथ कोलकाता ने सुमधुर गीत का संगान किया। साउथ सभा के मुख्य न्यासी सुरेंद्र कुमार दुगड़, मंत्री खेमचंद रामपुरिया, कोलकाता सभा के अध्यक्ष बुधमल लुणिया, तरुण सेठिया आदि ने अपनी भावना वक्तव्य के माध्यम से रखी। उत्तर हावड़ा सभा की नव निर्वाचित टीम ने साध्वीश्री जी के चरणों में शपथ ली, जिसकी संयोजना उत्तर हावड़ा, सभा के अध्यक्ष राकेश संचेती ने की। कार्यक्रम का प्रारंभ स्वाध्याय मंडली के मंगल संगान से हुआ तथा संचालन सूरज बरड़िया ने किया।