धर्म युग के प्रवर्तक भगवान ऋषभ
बरार।
तेरापंथ सभा भवन, बरार में साध्वी प्रांजलप्रभाजी, साध्वी रुचिप्रभाजी एवं साध्वी गौतमप्रभाजी के सान्निध्य में अक्षय तृतीया का कार्यक्रम आयोजित किया गया। साध्वीश्री जी ने नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। साध्वी रुचिपभाजी एवं साध्वी गौतमप्रभाजी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। सभा मंत्री राजेश ने भाव व्यक्त किए। साध्वी प्रांजलप्रभाजी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में वैशाख शुक्ल तृतीया का बहुत महत्त्व है। जैन धर्म में आज का दिन भगवान ऋषभ से जुड़ा हुआ है। भगवान ऋषभ इस युग के प्रथम तीर्थंकर थे। साध्वीश्री जी ने अकाम निर्जरा एवं सकाम निर्जरा की चर्चा करते हुए बताया कि नाथी बाई मेहता ने अपने जीवन में नवम दशक में 19वाँ वर्षीतप संपन्न किया एवं हिम्मत के साथ बहन ने 20वें वर्षीतप का प्रत्याख्यान किया।इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल ने गीत की प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला के नन्हे-नन्हे बच्चों ने ऋषभ भगवान की जीवन झाँकी नाटिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने हेतु स्थानीय सरपंच पंकज कंवर, ईसरमंड की सरपंच हंसा गांधी उपस्थित थे। आभार ज्ञापन विनोद गन्ना ने किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी रुचिप्रभाजी ने किया।