आचार्यश्री महाश्रमण जी क्षीराश्रव लब्धि संपन्न हैं
कोटा।
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में गुलाबबाड़ी स्थित तेरापंथ भवन में तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी का जन्मोत्सव एवं पट्टोत्सव का आयोजन किया किया गया। इस अवसर पर साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि शक्तिर्धर, भक्तिर्धर आचार्यश्री महाश्रमण जी की अभिवंदना हम ही नहीं धरती-अंबर, चाँद-सितारे हर पल हर क्षण करते हैं, क्योंकि आचार्यश्री महाश्रजण जी के मस्तिष्क में ज्ञान मणियाँ हैं। नयनों से नेहा का नैनों से निर्झर प्रवाहित हो रहा है। हृदय में करुणा का सागर हिलोरे ले रहा है। उनकी वाणी में क्षीराश्रव लब्धि है।
साध्वी कर्णिकाश्री जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी की विलक्षण विनम्रता ने संपूर्ण जिनशासन में अमित आलेख लिखा है। साध्वी डॉ0 सुधाप्रभाजी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी का हृदय तेरापंथ रूपी ट्रेन का एंटीक्रेश कोच है, आपका मस्तिष्क लैपटॉप की तरह है। साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने मंच का संचालन किया। साध्वी समत्वयशाजी ने सुमधुर स्वर में अपनी प्रस्तुति दी। सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ रतनलाल जैन, सभा अध्यक्ष संजय बोथरा, तेयुप के पूर्व अध्यक्ष महावीर हीरावत, अभिलाषा कांठेड़, भूपेंद्र बरड़िया ने विचार व्यक्त किए। महिला मंडल ने गीत का संगान किया। भूपेंद्र बरड़िया ने जैन संस्कार का प्रमाण पत्र वरिष्ठ व्यक्तियों द्वारा प्रदान किया गया।