मंगलभावना समारोह का आयोजन
ईरोड।
साध्वी उज्ज्वलप्रभाजी ने मंगलभावना के अवसर पर कहा कि अध्यात्म का मूर्त रूप हैं-साधु-साध्वी। साधु-साध्वियों का जहाँ विचरण होता है, वहाँ अध्यात्म की प्रेरणा देते हैं। क्योंकि व्यक्ति-व्यक्ति में अनेक संभावनाएँ हैं, साधु-साध्वियों के प्रवास से अध्यात्म का वातावरण बनता है। साध्वी अनुप्रेक्षाश्री जी ने कहा कि अध्यात्म के ऊर्ध्वारोहण में सुनना और जागरूक रहना, ये दोनों ही अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। साध्वी प्रबोधयशाजी ने कहा कि अगर व्यक्ति निरंतर प्रयास करता है तो सफलता को प्राप्त कर लेता है। साध्वी सन्मतिप्रभाजी ने कहा कि साधु-साध्वियों की सन्निधि, अनेक-अनेक समस्याओं को समागत कर देती है। कार्यक्रम का प्रारंभ भारती डागा के सुमधुर गीत के साथ हुआ। सभा अध्यक्ष हीरालाल चौपड़ा, महिला मंडल की अध्यक्षा सुनीता भंडारी, युवक परिषद अध्यक्ष सुभाष बैद, सुरेंद्र भंडारी, विजयसिंह पारख, वीणा भूतोड़िया, बबिता पटावरी, दीपिका फुलफगर, हार्दिक, ऋषभ पटावरी, सेलम से केवलचंद बोहरा, महिला मंडल की सामुहिक गीतिका आदि द्वारा अपने मनोगत प्रकट करते हुए साध्वीश्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
कार्यक्रम का संचालन मंजु बोथरा ने किया।