आचार्यश्री महाश्रमण जी के 13वें पट्टोत्सव का आयोजन
भुवनेश्वर, उड़ीसा।
डॉ0 मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी व मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में तेरापंथी सभा द्वारा कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर डॉ0 मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी ने कहा कि आठ मणि संपदा से संपन्न होते हैं वे ही आचार्य होते हैं। तेरापंथ में एक आचार्य की परंपरा है। आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में महाश्रमण मुनि मुदित कुमार का चयन किया। आज वे आचार्यश्री महाश्रमण के रूप में अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाह कर रहे हैं। उनके 13वें पट्टोत्सव पर उनके स्वस्थ दीर्घायु जीवन की मंगलकामना करते हैं।
इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जैसे एक दीपक सौ दीपकों को प्रदीप्त कर देता है वैसे ही एक आचार्य सैकड़ों-हजारों लोगों की चेतना को प्रकाशित कर देते हैं।
इस अवसर पर डॉ0 मुनि विमलेश कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी का दृष्टिकोण दूरदर्शी व विशाल है। आचार्यश्री तुलसी व आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी दोनों का एक रूप हैµआचार्यश्री महाश्रमणजी। इस अवसर पर मुनि पदम कुमार जी ने कहा कि अनेक विशेषताओं के समवाय हैंµआचार्यश्री महाश्रमण। मुनि कुणाल कुमार जी व मुनिवृंद ने समुह गीत का संगान किया। आभार ज्ञापन तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने व संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।