शिशु संस्कार बोध कार्यक्रम संपन्न

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शिशु संस्कार बोध कार्यक्रम संपन्न

भुवनेश्वर।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में ज्ञानशाला, भुवनेश्वर का शिशु संस्कार बोध कार्यक्रम का आयोजन तेरापंथी सभा द्वारा स्थानीय तेरापंथ भवन में किया गया। इस अवसर पर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया, पंचमंडल सदस्य भंवरलाल बैद, पारमार्थिक शिक्षण संस्था के कोषाध्यक्ष जसराज बुरड़ आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि व्यक्ति की पहचान धन, दौलत, वैभव, वस्त्र से नहीं होती, व्यक्ति की पहचान संस्कार से होती है। संस्कार हमारे जीवन का धन है, सुरक्षा कवच है, जीवन की धरोहर है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि बालक समाज की कृति है। आज का बच्चा कल का बादशाह है। बच्चों को संस्कारी बनाना, माता-पिता व अभिभावकों का नैतिक कर्तव्य है।
तेरापंथ सभा, ज्ञानशाला प्रभारी, प्रशिक्षक लोग अपने नैतिक दायित्व का अच्छी तरह से निर्वहन करते रहे हैं। महासभा के अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया ने कहा कि संस्कार निर्माण के लिए ज्ञानशाला से सुंदर कोई प्रकल्प हो नहीं सकता। महासभा ज्ञानशाला के विकास के लिए सदैव तत्पर है। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि कुणाल कुमार जी के मंगलाचरण से हुआ। ज्ञानशाला के बच्चों ने ज्ञानशाला गीत व शब्द चित्र कार्यक्रम प्रस्तुत किया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष बच्छराज बेताला, ज्ञानशाला संयोजिका नयनतारा सुखाणी ने अपने विचार व्यक्त किए आभार ज्ञापन ज्ञानशाला प्रभारी जितेंद्र बैद व संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। शिशु संस्कार बोध पाठ्यक्रम परीक्षाओं के परिणाम नयनतारा सुखाणी ने घोषित किए। सभा द्वारा बच्चों व प्रशिक्षकों का सम्मान किया गया।