आचार्य तुलसी का 25वें महाप्रयाण दिवस के आयोजन - युगद्रष्टा के नेतृत्व से युग को मिला नया मोड़
मदुरै
हर व्यक्ति धरती पर जन्म लेता है और उनमें से कुछ व्यक्ति अपने रचनात्मक कार्यों द्वारा जग में अमिट छाप छोड़ देते हैं। उसी कड़ी में एक नाम हैयुगद्रष्टा आचार्यश्री तुलसी। आचार्य तुलसी का जीवन बोलता जीवन था। उनहोंने अपनी सृजनात्मक व रचनात्मक शैली से दुनिया को नई राह दिखाई। लघु वय में संयमश्री का वरण कर 22 वर्ष की छोटी अवस्था में तेरापंथ जैसे अद्वितीय धर्मसंघ का दायित्व संभाल लिया। गुरुदेव तुलसी ने जो भी सतरंगी सपने संजोए उन सभी को साकार किया। उन्होंने मानव को मानवता का आकार दिया।
मुनि अर्हत कुमार जी ने आचार्य श्री तुलसी के महाप्राण दिवस पर श्रद्धालुओं के बीच अपने विचार व्यक्त किए। सहयोगी युवा संत मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि जो संत-महंत, जहाँ जाते हैं, वहाँ लाते हैं बसंत। उन्हीं में रहे हैं तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य तुलसी जी। बाल संत मुनि जयदीप कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी घोर अंधकार में पथ दर्शन करने वाले ज्योतिपुंज थे, उनकी ज्ञानरश्मियों से पूरा संसार आलोकित है। हम उनके पद-चिों पर चलते हुए जीवन को सार्थक और सफल बनाएँ।
सभा अध्यक्ष जयंतीलाल जीरावला, तेयुप अध्यक्ष संदीप बोकड़िया, मंत्री राजकुमार नाहटा, वरिष्ठ श्रावक नरपत कुमार दुगड़, निर्मल कुमार पारख, मदनलाल बैद, सभा मीडिया प्रभारी अशोक जीरावला, इरोड से पधारे दिलीप हिरण, सुरेश चोपड़ा, कमल बोथरा, नरेश हिरण ने अपने विचार व्यक्त किए। ज्ञानशाला के बच्चों ने रोचक प्रस्तुति दी। कन्या मंडल प्रभारी मधु जीरावला, तेममं की बहनों ने अपने भावों की प्रस्तुति वीडियो के द्वारा गीतिका के माध्यम से दी। मदुरै तेयुप के कई सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सभा अध्यक्ष जयंतीलाल जीरावला ने किया।