परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला

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परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला

मैसूर
साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के सान्‍निध्य में परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित इस सेमिनार में उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि परिवार एक ऐसी प्रयोग स्थली है जहाँ आनंदमय जीवन का सुखद अहसास होना चाहिए। चिंतन यह करना है कि जिंदगी का सुहाना सफर कैसे हो? परिवार की स्वस्थता के लिए चारित्रिक व्यवहार एवं शुद्ध संस्कारों की जरूरत है। अभिभावक अपनी संतानों को सही दिशा-निर्देश प्रदान करे, ताकि भावी पीढ़ी गुमराह न बने, सम्यक् विकास करती रहे।
भारतीय संस्कृति के पारिवारिक मूल्यों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए हर व्यक्‍ति जिम्मेदार है। सहना जीवन का मूल्यवान गहना है। वाणी की मधुरता जीवन में समरसता भर देती है। संंबंधों में संतुलन और उचित मार्गदर्शन खुशहाल जीवन के घटक तत्त्व हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत महिला मंडल के संगान से हुई। साध्वी सिद्धियशा जी ने कहा कि रोटी कमाना कोई बड़ी बात नहीं परिवार के साथ रोटी खाना बड़ी बात है। किशोर एवं कन्या मंडल में भावपूर्ण लघु नाटिका प्रस्तुत की। साध्वी शौर्यप्रभा जी ने पी0 अल्फाबेट की व्याख्या करते हुए परिवार की महत्ता बताई। प्रांतीय जैन ट्रेनर खुशी गुगलिया ने कहा कि परिवार में संपर्क सहयोग भावना और सामंजस्य की महनीय आवश्यकता है।
साध्वी राजुलप्रभा जी आदि साध्वीवृंद ने गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने कार्यक्रम का संचालन किया। साध्वीश्री जी की प्रेरणा से सैकड़ों की तादात में संभागी बनकर श्रावकगण कार्यशाला को सफल बनाया। आभार ज्ञापन कैलाश पितलिया ने किया।