युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की षष्टिपूर्ति के अवसर पर
युगप्रणेता, युगप्रचेता, युगप्रवर्तक, युगप्रधान,
पारखी इस कर्मयुग के, सारथी जिनपथ महान।।
युगबोध जो तुमने दिया, वह दे रहा जग को निदान
जगत्गुरु जगदीश जग के, जगत की थामों कमान।।
अर्हतों के परम प्रतिनिधि, तेरापंथ महामना
श्री सुधर्म स्वामी का आसन सुुशोभित शतगुणा
वीर भिक्षु तुलसी व महाप्रज्ञ पट वर्धापना
युगों-युगों अनुशासना दो, करें हम सब प्रार्थना।।