युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की षष्टिपूर्ति के अवसर पर

युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की षष्टिपूर्ति के अवसर पर

किन शब्दों में आज बधाऊं?
आर्यप्रवर के गीत गाऊं?
ज्योतिचरण आभामंडल में
ज्योतिर्मय स्वयं बन जाऊं।

जिनका जीवन है श्रमपूरित,
जिनकी वाणी है महिमामण्डित।
आकर्षित मुखमण्डल हर्षित,
उन चरणों में अर्घ्य चढ़ाऊं।।

झूमरमल नेमा के नंदन,
युगप्रधान झेलो शत् वंदन।
अभिनंदन श्रद्धामय स्पंदन,
युगपुरुष को शीष नमाऊं।।

गुरु सन्निधि पावन सुखकर,
क्षेमंकर विभु शिवकर शुभकर।
चरण कमल की धूलि बनकर,
संयम जीवन सुफल बनाऊं।।